केंद्र की मोदी सरकार द्वारा मानसून सत्र में पास किए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध हो रहा है। संसद में उस वक्त विरोध किया गया जब एक कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पहुंचे थे।
आम आदमी पार्टी के सांसदों ने आज संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेर लिया और नए कृषि कानून वापल लेने की मांग की। ‘आप’ के सांसद संजय सिंह और भगवंत मान ने हाथ में तख्ती पकड़कर संसद में पीएम मोदी के सामने जमकर नारेबाजी भी की।
दरअसल, पीएम मोदी संसद के सेंट्रल हॉल में मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने गए थे।
सांसद संजय सिंह ने संसद भवन का वीडियो शेयर करते हुए कहा, “बहरे कानों को सुनाने के लिए तानाशाह सरकार को जगाने के लिए संसद में प्रधानमंत्री के सामने किसानों के हक में हंगामा ‘किसान विरोधी काला कानून वापस लो’ अन्नदाताओं को आतंकवादी कहना बंद करो।”
बहरे कानो को सुनाने के लिये तानाशाह सरकार को जगाने के लिये संसद में प्रधानमंत्री के सामने किसानो के हक़ में हंगामा “किसान विरोधी काला क़ानून वापस लो” अन्नदाताओं को आतंकवादी कहना बंद करो। pic.twitter.com/X8MF2pxnad
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) December 25, 2020
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह और लोकसभा सांसद भगवंत मान तख्ती लेकर विरोध करने लगे। इस दौरान सदन में लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी मौजूद थे।
मोदी सरकार की बंद आँखों और कानों को खोलने के लिए लोकसभा के सेंट्रल हॉल में गूँजे किसान हितेषी नारे…! pic.twitter.com/l2UYEh8jRg
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) December 25, 2020
आप नेता सिंह और मान लगातार नारे लगा रहे थे। दोनों नेता लगातार – ‘किसान विरोधी काला कानून वापस लो, एमएसपी की गारंटी दो। पूंजीपतियों के लिए बनाए गए काले कानून को वापस लो’ कह रहे थे।’ राज्यसभा सांसद सिंह ने इस दौरान कहा ‘किसानों को आतंकवादी कहना बंद करो।’
वहीं केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारी किसानों को रुकी हुई वार्ता फिर से शुरू करने का प्रस्ताव भेजकर उनसे नए कृषि कानूनों को लेकर बने गतिरोध को खत्म करने के लिए अपनी सुविधा के अनुसार कोई तिथि तय करने के लिए कहा।
हालांकि आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि वार्ता के लिए सरकार का नया पत्र कुछ और नहीं, बल्कि किसानों के बारे में एक दुष्प्रचार है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि वे बातचीत के इच्छुक नहीं हैं। साथ ही, किसान संगठनों ने सरकार से वार्ता बहाल करने के लिए एजेंडे में तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने को भी शामिल करने को कहा।
केंद्र के पत्र पर चर्चा करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के शुक्रवार को बैठक करने और इसका औपचारिक जवाब देने की संभावना है। दिल्ली के तीन प्रवेश स्थानों-सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बार्डर- पर पिछले 30 दिनों से इस मोर्चे के बैनर तले 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने संसद के केंद्रीय कक्ष में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि दी। मोदी ने इस अवसर पर ‘संसद में अटल बिहारी वाजपेयी: एक स्मृति खंड’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह भी उपस्थित थे।