रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के खिलाफ सरकार तेजी से जुटी है। सोमवार को देश में एक दिन रिकॉर्ड वैक्सीनेशन किया गया। वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाने में मध्य प्रदेश के सबसे बड़ा योगदान रहा। इसी बीच देश की स्वदेशी वैक्सीन Covaxin से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। तीसरे चरण के ट्रायल डेटा में यह 77.8 फीसदी असरदार साबित हुई है।
आपको बता दें कि भारत बायोटेक की तरफ से केंद्र सरकार की कमिटी को यह रिपोर्ट सौंपी गई है। कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ने इससे जुड़े तीसरे चरण से क्लिनिकल ट्रायल के डेटा को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से साझा कर दिया है।
मंगलवार को तीसरे चरण का डेटा मिलने के बाद सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने मीटिंग की। इसमें कोवैक्सीन की तरफ से यह जानकारी सौंपी गई है। आगे के प्रोसेस में SEC अपने डेटा DCGI को सौंपेगा। कोवैक्सीन को इन ट्रायल के नतीजे आए बिना ही करीब 5 महीने पहले आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी। बिना ट्रायल नतीजों के मंजूरी मिलने पर तब काफी विवाद भी हुआ था।
इन सब के बीच देश में दो कोरोना टीकों से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। पहला एस्ट्राजेनेका का कोरोना टीका है। जिसे सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड के नाम से बना रहा है। दूसरा है भारत बायोटेक का कोवैक्सिन। यह पहली पूर्ण रूप से भारतीय वैक्सीन है। कोरोना जिस वक्त चरम पर था और टीकाकरण अभियान को जल्द शुरू करना था, तब कोविशील्ड और कोवैक्सिन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी। तब तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजों के बिना कोवैक्सिन को मंजूरी मिलने पर काफी सवाल उठाए गए थे।
बात करें कोवैक्सीन की तो वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद अब तक कोवैक्सिन के कोई गंभीर साइट इफेक्ट सामने नहीं आए हैं। भारत बायोटेक ने यह भी कहा है कि वह चौथे चरण का ट्रायल भी कर रही है। फिलहाल कोवैक्सिन को WHO द्वारा जारी आपातकालीन इस्तेमाल की वैक्सीन लिस्ट में जगह नहीं मिली है। लेकिन इसको लेकर प्रयास जारी हैं।