गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा विभिन्न मंत्रालयों से अपनी झांकियां दिखाने के प्रस्ताव दिये जाते हैं। इसके बाद देशभर से आए झांकियों के प्रस्तावों को एक समिति के पास भेजा जाता है यही समिति यह तय करती है कि किन राज्यों को झांकियां दिखाने की मंजूरी देनी है।
इस बार 22 झांकियों को रक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। इसमें 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां दिखाई जाएंगी। इसके साथ ही 6 झांकियां केंद्रीय मंत्रालय से संबंधित होंगी। इस बार मंत्रालय को कुल 56 प्रस्ताव मिले थे जिनमें 22 को झांकियां दिखाने की मंजूरी मिल गई है। लेकिन रक्षा मंत्रालय ने बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और केरल के प्रस्तावों को खारिज कर दिया है।
रक्षा मंत्रालय के इस कदम के बाद राजनीतिक शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल ने केंद्र पर बदले की भावना से ग्रस्त होने का आरोप लगाया है, तो दूसरी तरफ केरल के कानून मंत्री ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि यह फैसला केरल के प्रति उनके व्यवहार को दर्शाता है। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि देशभर से आए झांकियों के प्रस्तावों को एक समिति के पास भेजा जाता है और यह वही तय करता है कि किसी मंजूरी देनी है और किसे नहीं। यह उस समिति का फैसला होता है।
इस झांकी में उत्तराखंड, झारखंड और पुदुचेरी समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जगह नहीं दी गई है। जबकि दक्षिण भारत में सिर्फ केरल को बाहर रखा गया है। वहीं तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना की झांकियों को रिपब्लिक डे के परेड में शामिल किया गया है। वहीं, पूर्वोंतर के राज्यों में सिर्फ असम और मेघालय को ही सूची में जगह मिली है।
केंद्रीय मंत्रालयों की बात की जाए तो वित्त मंत्रालय, पेयजल एवं शौचालय विभाग, उद्योग मंत्रालय, गृह मंत्रालय, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय और जहाजरानी मंत्रालय की झांकियों को भी रिपब्लिक परेड में शामिल किया गया है।