चीन बीते कुछ दिनों से लगातार भारतीय सीमा का अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा है। चीन ने सिक्किम और लद्दाख से लगती सीमा रेखा पर जिस तरह आक्रामकता का प्रदर्शन किया है उससे साफ है कि वह भारत पर अनुचित दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। हैरानी नहीं कि इसका कारण भारत को यह संदेश देना हो कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों और खासकर विश्व स्वास्थ्य संगठन में कोरोना वायरस के फैलाव में चीनी प्रशासन की भूमिका को लेकर उठते सवालों से खुद को दूर रखे। भारत ने इन सवालों का साथ देकर बिल्कुल सही किया।
अंतरराष्ट्रीय जांच से मुंह क्यों चुरा रहा चीन? :
मानवता के हित में यही है कि उन कारणों की तह तक जाया जाए जिनके चलते चीन की धरती पर पनपे कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा दिया। यदि चीन ने कहीं कोई गलती-गफलत नहीं की है तो फिर वह अंतरराष्ट्रीय जांच से मुंह क्यों चुरा रहा है? चीन को दीवार पर लिखी इबारत पढ़ने के साथ इस मुगालते से बाहर आना चाहिए कि वह जोर-जबरदस्ती दिखाकर विश्व समुदाय को अपने हिसाब से निर्देशित कर सकता है। यह चीन की पुरानी आदत है कि वह जब भी किसी मुश्किल में फंसता है तो या तो जोर-जबरदस्ती का सहारा लेता है या फिर गड़े मुर्दे उखाड़ने की कोशिश कर दुनिया का ध्यान बंटाने की कोशिश करता है।