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कौन है बांग्लादेश में हिंसा का जिम्मेवार, सीसीटीवी फुटेज में हुआ खुलासा; पुलिस ने की आरोपी शख्स की पहचान

By Amit ranjan 
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नई दिल्ली : 13 अक्टूबर को बंग्लादेश में उठी हिंसा की आग लगातार भड़क रही है, जिसकी चपेट में निर्दोष हिंदु परिवार आ गए है। आपको बता दें कि इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की जान चली गई थी। अब इस मामले में बांग्लादेश पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति ने दुर्गा पूजा के पंडाल में ले जाकर कुरान को रख दिया था जो हिंसा का कारण बना।

पुलिस ने बताया कि इस मामले में 35 साल के इकबाल हुसैन से पूछताछ की जा रही है जिसने इस घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि आरोपी इकबाल मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है। पुलिस ने बताया कि कोमिला जिले के सुजानगर के रहने वाले हुसैन ने 13 अक्टूबर को नानुआ दिघिर के पूजा मंडप में कुरान की एक प्रति रखी थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि गुरुवार को जांच के दौरान इकबाल के इस घटना में शामिल होने का पता चला। बांग्लादेश में पुलिस ने पंडाल में लगे निगरानी कैमरों से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने के बाद हिंसा में इकबाल हुसैन के होने का खुलासा किया।

पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि इकबाल मस्जिद से कुरान की एक कॉपी लेकर दुर्गा पूजा स्थल तक जाता है। बाद में उसे भगवान हनुमान की एक मूर्ति के पास रखकर चलते हुए देखा गया। कोमिला एसपी फारूक अहमद ने यह भी कहा कि आरोपी इकबाल हुसैन एक आवारा आदमी है और उसे अभी तक हिरासत में नहीं लिया गया है। इस महीने की शुरुआत में शहर के एक दुर्गा पूजा पंडाल में हुई हिंसा के सिलसिले में कोमिला पुलिस ने चार मामले दर्ज किए हैं और 41 गिरफ्तारियां की हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में से चार कथित तौर पर इकबाल हुसैन के सहयोगी हैं।

इकबाल की मां, अमीना बेगम ने ढाका ट्रिब्यून को बताया कि वह एक ड्रग एडिक्ट है। लगभग 10 साल पहले कुछ पड़ोसियों ने उसके पेट में छुरा घोंप दिया था जिसके बाद वह मानसिक रूप से अस्थिर है। पिछले हफ्ते कोमिला में नानुआ दिघिर पर दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान की एक प्रति मिलने के बाद सांप्रदायिक तनाव के कारण कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी।

बांग्लादेश हिंदू एकता परिषद ने एक बयान में कहा कि कोमिला में नानुआ दिघी में पूजा मंडप पर स्थानीय लोगों के बीच “कुरान के अपमान की अफवाह” फैलाने के बाद हमला किया गया था। कोमिला के अलावा चांदपुर के हाजीगंज, चट्टोग्राम के बंशखली और कॉक्स बाजार के पेकुआ के मंदिरों से भी हिंसा की घटनाएं सामने आईं।