सूडान की राजधानी खार्तूम का मेन एयरपोर्ट सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच जंग का मैदान बना हुआ है। यही वजह है कि खार्तूम से 850 किलोमीटर दूर लाल सागर पर पोर्ट सूडान से कई देश लगातार अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं |
मनु चौधरी की कलम से
इस वक़्त भारतीय अधिकारी सूडानी अधिकारियों, विदेश मंत्रालय संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, यूएई, मिस्र और अमेरिका से भी नियमित संपर्क बनाये हुए हैं।हम सभी जानते ही हैं कि इस समय मुस्लिम देश सूडान सिविल वॉर से जूझ रहा है। उनकी सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच लगातार संघर्ष जारी है जो थमने का नाम ही नहीं ले रहा। इस संघर्ष में अभी तक 400 से अधिक लोगो की मौत हो चुकी है और वहीं इस गृह युद्ध में 3500 से अधिक लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं।
गौरतलब है कि सूडान की राजधानी खार्तूम का मेन एयरपोर्ट सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच जंग का मैदान बना हुआ है। यही वजह है कि खार्तूम से 850 किलोमीटर दूर लाल सागर पर पोर्ट सूडान से कई देश लगातार अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। भारत ने भी अपने नागरिकों को सूडान से निकालने की कोशिश तेज कर दी है। इसीलिए भारतीय वायु सेना के दो सी-130 विमान और नौसेना का आईएनएस सुमेधा समुन्द्री जहाज सूडान के गृह युद्ध में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सऊदी अरब और सूडान पहुंच चुके हैं। जहां एक तरफ भारतीय वायु सेना के जहाज सऊदी अरब के जेद्दा में तैनात हैं वहीं दूसरी तरफ आईएनएस सुमेधा सूडान बंदरगाह पर पहुंच गया है ताकि अपने नागरिकों को बिना किसी परेशानी के वापिस लाया जा सके।
Copyright Manu Chaudhary