फ्लेरिडा में अपने घर पर छुट्टियां मना रहे अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार आधी रात एक ट्वीट किया। इसमें ट्रंप ने एक शब्द नहीं लिखा, बस अमेरिका के झंडे को पोस्ट भर कर दिया। दरअसल ट्रंप के इस ट्वीट की क्रोनोलॉजी इराक के बगदाद में अमेरिकी सेना के उस एयर स्ट्राइक से जुड़ी थी, जिसमें उसने ईरान के सबसे ताकतवार जनरल कासिम सुलेमानी को मार डाला।
कासिम सुलेमानी के अलावा इराक में ईरानी समर्थक सशस्त्र बल के डेप्युटी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस भी मारे गए हैं। इन दोनों के अलावा 6 और लोगों की भी जान जाने की खबर है। विदेशों में ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड्स की यूनिट कद्स फोर्स का जिम्मा संभालने वाले कासिम को अमेरिका के बड़े दुश्मनों में गिना जाता था। सुलेमानी ईरान के लिए कितना अहम थे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पश्चिम एशिया में किसी भी मिशन को अंजाम देने में उनकी बड़ी भूमिका होती थी।
बताते चलें कि, पॉप्युलर मोबिलाइजेशन फोर्स के नाम से ईरानी समर्थक फोर्स इस्लामिक स्टेट के चंगुल से बगदाद को बचाने के लिए सुलेमानी के ही नेतृत्व में बनाई गई थी। सुलेमानी की 1980 के दशक में ईरान और इराक के बीच खूनी जंग में अहम भूमिका थी, जिसमें अमेरिका ने इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन का साथ दिया था।
सुलेमानी ने इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेस जैसे खूंखार आतंकियों के मुकाबले कुर्द लड़ाकों और शिया मिलिशिया को एकजुट करने का काम किया। सुलेमानी की मौत ईरान के लिए बड़ा झटका है। माना जाता है कि सुलेमानी ने हथियार बंद संगठन हिजबुल्लाह, फिलिस्तीन में सक्रिय आतंकी संगठन हमास को समर्थन दिया था। सीरिया में बशर अल-असद सरकार को भी सुलेमानी का समर्थन प्राप्त था।