शंघाई सहयोग संगठन की होनेवाली बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री के बीच मुलाकात हो सकती है। एससीओ के महासचिव जांग मिंग शुक्रवार को तीन दिन के दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे हैं, जहां वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15-16 सितंबर को होने जा रही एससीओ की सालाना समिट में भाग लेने के लिए आमंत्रित करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस समिट में पहुंचेंगे। इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से उनकी आमने-सामने की मुलाकात हो सकती है। यह जानकारी समाचार एजेंसी आईएएनएस ने दी है।
ऐसे में माना जा रहा है कि इस सम्मेलन में पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्री मुलाकात कर सकते हैं। द न्यूज ने कहा कि छह साल में यह पहली बार है कि दोनों प्रधानमंत्री एक छत के नीचे मौजूद होंगे और एक-दूसरे से मुलाकात करेंगे।
उच्च पदस्थ राजनयिक सूत्रों ने गुरुवार को द न्यूज को बताया कि शहबाज और मोदी के बीच मुलाकात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि दोनों दो दिनों के लिए एक ही परिसर में रहेंगे।
2001 में हुई थी एससीओ की स्थापना
एससीओ, जिसे नाटो के प्रतिकार के रूप में देखा जाता है, आठ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा ब्लाक है। एससीओ सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके स्थायी सदस्य बने।
एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा एक शिखर सम्मेलन में की गई थी।
सूत्रों ने कहा, ‘‘दोनों की अभी तक कोई बैठक नहीं हुई है, क्योंकि भारत की ओर से अभी तक इसकी कोई पेशकश नहीं की गई है। अगर हिंदुस्तान ऐसी कोई पेशकश करता है, तो इस पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया सकारात्मक होगी।’
चीन, पाकिस्तान, रूस, भारत, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान इस ग्रुप के पूर्ण सदस्य हैं। ग्रुप के नए अध्यक्ष ने अपनी प्राथमिकताओं और कार्यों को पहले ही रेखांकित कर दिया है।