नई दिल्ली : पिछले कई दिनों से जारी पाकिस्तान में छिड़ा संग्राम एक बार फिर काफी आक्रामक हो चुका है, जिसे लेकर पाकिस्तान का शहर लाहौर मानो जंग का मैदान बन गया है। जिसमें पाकिस्तान सरकार और मुस्लम कट्टरपंथी आमने-सामने आ गये है। बता दें कि अब इसी लड़ाई को लेकर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सोमवार देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल गुट के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने घोषणा की कि वह इस हड़ताल का समर्थन करते हैं। उन्होंने मांग की कि तहरीक पर लगाए गए बैन को हटाया जाए और गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए।
दरअसल फ्रांस में पिछले वर्ष ईश निंदा वाले एक कैरीकेचर के प्रकाशन को लेकर वहां के राजदूत को निष्कासित करने की मांग को लेकर तहरीक-ए-लब्बैक संगठन ने हिंसक प्रदर्शन किए हैं। रेंजर्स और पुलिस ने रविवार की सुबह लाहौर में टीएलपी के मुख्यालय पर कार्रवाई शुरू की ताकि वहां इकट्ठे हजारों कार्यकर्ताओं को हटाया जा सके। इन लोगों ने मुख्य मुल्तान रोड को जाम कर दिया था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान टीएलपी के तीन कार्यकर्ता मारे गए और कई अन्य जख्मी हो गए। जख्मी होने वालों में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी सहित कई पुलिसकर्मी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि, ‘टीएलपी के समर्थकों की संख्या हजारों में थी इसलिए रेंजर्स और पुलिस उन्हें तीन घंटे के अभियान में नहीं हटा पाई।’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने और अधिक जान जाने की आशंका के कारण अभियान समाप्त कर दिया।
अधिकारी ने कहा कि अभियान के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उमर फारूक बलोच को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की। टीएलपी की तरफ से जारी वीडियो संदेश में बलोच ने इमरान खान सरकार से अपील की कि साथी मुस्लिमों की हत्या नहीं करें और फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिए उनकी सरकार द्वारा टीएलपी के साथ किए गए समझौते का पालन करें। पंजाब पुलिस के प्रवक्ता राणा आरिफ ने भी कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अभियान में तीन लोगों की मौत की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कई पुलिस अधिकारियों के साथ टीएलपी कार्यकर्ताओं ने ‘बुरी तरह मारपीट’ की।
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद ने ऐलान किया है कि तहरीक ने सभी हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा कर दिया है। हालांकि इस बीच पाकिस्तानी सेना के कई जवानों ने वीडियो जारी करके सेना से इमरान खान सरकार को उखाड़ फेकने की अपील की है। उधर, तहरीक-ए-लबैक के समर्थन में पाकिस्तान के कई और कट्टरपंथी गुट आ गए हैं। जिसे लेकर एक बार फिर पाकिस्तान में तख्तापलट का अंदेशा जताया जा रहा है।