massacre of dozens of civilians in Myanmar: करेनी मानवाधिकार समूह ने अपनी Facebook post में बताया कि मारे गए 30 से ज्यादा लोगों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। उसने Myanman Army द्वारा किए गए इस अमानवीय और नृशंस हत्याकांड की सख्त निंदा की है।
नई दिल्ली: म्यांमार (Myanmar Violence) में जब से हिंसा भड़की है उसके बाद से तनाव बढ़ता ही जा रहा है। क्रिसमस की शाम पर यहां मो सू गांव में बीते शुक्रवार को म्यांमार (Myanmar) के संघर्षग्रस्त काया राज्य में महिलाओं (Women’s) और बच्चों (Childrens) सहित 30 से ज्यादा लोग मारे गए जिनके शवों को जला दिया गया। इसकी जानकारी यहां के स्थानीय रिपोर्ट्स और स्थानीय मानवाधिकार समूह द्वारा सभी को मिली, जिसके बाद से खबर हर जगह फैली।
स्थानीय मानवाधिकार समूह (local human rights group) का इस मामले में कहना है कि उन्हें लोगों के जले हुए शव मिले। समूह का कहना है कि ह्प्रुसो शहर के मो सो गांव के पास सेना ने बच्चों , महिलाओं और बुजुगों पर गोलियां चलाई थीं।
Myanmar junta troops rounded up villagers, including women and children and members of Save the Children, killed 35 of them, and burned their bodies in Kayah state. This massacre took place on Christmas eve. pic.twitter.com/6XRNYytNL5
— Ashok Swain (@ashoswai) December 26, 2021
मानवाधिकार समूह (Human Rights group) ने सोशल मीडिया पोस्ट (Social Media Post) के ज़रिए कहा है कि वो मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वाली अमानवीय और नृशंस हत्या की कड़ी निंदा करते हैं। उन्हें सोशल मीडिया (Social Media ) पर शेयर की गई तस्वीरों में जले वाहन और शव के अवशेष दिखाई दिए थे।
आग लगने की मिली थी खबर
वही यहां के एक स्थानीय ग्रामीण की माने तो शुक्रवार रात आग लगने की खबर उसे मिली, लेकिन शूटिंग के कारण वो घटनास्थल पर नहीं जा पाया। स्थानीय ग्रामीण का कहना है कि उसने महिलाओ और बच्चों की जली हुईं लाशें देखी थी।
इससे पहले भी ऐसी खबरे मिली थी
बता दें, ये ऐसा पहला मामला नहीं है जब म्यांमार (Myanmar Violence) से ऐसी खबर सुनने को मिली हो। इससे कुछ दिन पहले ही म्यांमार के उत्तर- पश्चिम हिस्से में सरकारी सैनिकों ने सेना के काफिले पर बदला लेने के लिए एक गांव पर छापा मारा था। उन्होंने कुछ लोगों को पकड़ा और उनके हाथ बंधकर उन्हें जिंदा ही जला दिया। इस दर्दनाक और खौफनाक हादसे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। ग्रामीणों की हत्या कर उन्हें आग के हवाले करने के बाद उनकी तस्वीरें ली गईं थी।