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लीक ईमेल ने खोली अमेरिका के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ डॉ. फाउची और चीनी वैज्ञानिकों से रिश्तों की पोल, पढ़े क्या लिखा है

By Amit ranjan 
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नई दिल्ली : कोरोना महामारी को लेकर दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों और स्वास्थ विभाग को आने वाले तीसरी लहर को लेकर सचेत करने वाले अमेरिका के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ को  लेकर ऐसा खुलासा सामने आया है, जिसने अमेरिकी सरकार और प्रशासन दोनों के हाथ पांव फैला दिये है। क्योंकि जिस चीन को अमेरिका अपना प्रतिद्वंदी मानता है, उसी चीन के अधिकारियों के साथ अमेरिका के कुछ शीर्ष अधिकारियों का सांठगांठ है। जिसमें पहला नाम अमेरिका के शीर्ष महामरी विशेषज्ञ डॉ फाउची का नाम सामने आया है।

दरअसल, अमेरिकी मीडिया के हाथ वहां के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ डॉ एंथोनी फाउची का एक ईमेल लगा है, जिससे कई बड़े खुलासे हुए हैं। लीक हुए इस ईमेल से पता चला है कि डॉ फाउची कोरोना के संक्रमण के शुरूआती महीनों में चीन के वैज्ञानिकों के संपर्क में थे। डॉ एंथोनी फाउची डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल से अबतक अमेरिकी राष्ट्रपति के शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार हैं। ऐसे में उनका चीनी वैज्ञानिकों के साथ संपर्क कई बड़े सवाल खड़े कर रहा है।

चीनी वैज्ञानिक जॉर्ज गाओ ने भेजा था फाउची को मेल

अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट को 866 पन्नों का एक लीक ईमेल मिला है। इस ईमेल को 28 मार्च 2020 को चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक जॉर्ज गाओ ने डॉ फाउची को भेजा था। इस मेल में गाओ नेफाउची से अमेरिका में लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित नहीं करने पर की गई अपनी आलोचना के लिए माफी मांगी थी। बता दें कि गाओ ने पहले कहा था कि अमेरिका अपने लोगों को मास्क पहनने के लिए न कहकर भारी गलती कर रहा है।

चीनी वैज्ञानिक ने फाउची को क्या लिखा?

चीनी वैज्ञानिक गाओ ने लिखा कि मैं दूसरों के बारे में ‘बड़ी गलती’ जैसे भारी शब्द का इस्तेमाल कैसे कर सकता हूं? यह मेरा नहीं बल्कि मीडिया का दिया हुआ शब्द है। आशा है कि आप समझ गए होंगे। इए मिलकर इस वायरस को धरती से बाहर निकालने का काम करें। इस ईमेल के जवाब में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक डॉ फाउची ने लिखा कि मैं पूरी तरह से समझता हूं। कोई दिक्कत नहीं है। हम इस लक्ष्य को एक साथ प्राप्त करेंगे।

लीक हुए ईमेल से फाउची की खुली पोल

वॉशिंगटन पोस्ट का दावा है कि यह मार्च-अप्रैल 2020 में गाओ और फाउची के ईमेल के 866 से अधिक पन्नों में से एक है। इस मीडिया ऑर्गनाइजेशन से इस लेटर को अमेरिका के फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन एक्ट के तहत प्राप्त किया है। लीक हुए ईमेल में डॉ फाउची बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के एक एक्जिक्यूटिव के साथ भी बातचीत की थी। जिसके बाद इस बवाल में बिल गेट्स का भी नाम शामिल हो गया है। माइक्रोसॉफ्ट के इस सह संस्थापक पर पहले से ही ऑक्सफर्ड कोविड वैक्सीन को लेकर आरोप लग चुके हैं।

फाउची का बिल गेट्स से संबंध पर भी सवाल

इस एक्जिक्यूटिव ने बाद में गेट्स के सलाहकार एमिलियो एमिनी के साथ बातचीत में डॉ फाउची के स्वास्थ्य के बारे में चिंता जताई थी। एमिनी ने 2 अप्रैल, 2020 को एक ईमेल में लिखा था कि मैं आपको लगभग हर दिन टीवी पर देखती हूं। आपके पास काफी ऊर्जा है, मैं आपके बारे में गंभीर रूप से चिंतित हूं। राष्ट्र और दुनिया को आपके नेतृत्व की बिल्कुल जरूरत है। इस ईमेल के मिलने के अगली सुबह ही फाउची ने जबाव दिया कि मैं अपनी वर्तमान परिस्थितियों को जितना संभव हो सके उतना अटैच होने की कोशिश करूंगा।

नहीं बनती थी डॉ फाउची और ट्रंप में

बता दें कि डॉ फाउची का डोनाल्ड ट्रंप के साथ संबंध ठीक नहीं थे। यही कारण था कि ट्रंप कई बार फाउची को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके थे। अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में तो ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से फाउची को बर्खास्त करने की बात कही थी। ट्रंप की चुनावी रैलियों में फाउची को बर्खास्त करने के नारे लगते थे। लेकिन, राजनीतिक नुकसान के कारण ट्रंप ने ऐसा किया नहीं। अब देखना यह है कि वर्तमना अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन फाउची को लेकर कोई कड़ा कदम उठाते है, यो वो भी बड़े नुकसान को लेकर चुपचाप खड़े नजर आते है।

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