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भारत में दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी फिर भी कार्बन उत्सर्जन सिर्फ 5 प्रतिशत: पीएम मोदी

सोमवार को जर्मनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-7 शिखर सम्मलेन में अपना संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जलवायु प्रतिबद्धताओं के प्रति भारत का समर्पण उसके प्रदर्शन से स्पष्ट है।

By RNI Hindi Desk 
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सोमवार को जर्मनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-7 शिखर सम्मलेन में अपना संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जलवायु प्रतिबद्धताओं के प्रति भारत का समर्पण उसके प्रदर्शन से स्पष्ट है। जलवायु, ऊर्जा और स्वास्थ्य पर G-7 सत्र में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने नौ साल पहले ही गैर-जीवाश्म स्रोतों से 40 प्रतिशत ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य हासिल कर लिया था।

उन्होंने इस बात पर भी फोकस डाला कि, हालांकि दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है, फिर भी वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में भारतीय आबादी का योगदान केवल 5 प्रतिशत है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि “यह एक गलत धारणा है कि गरीब देश पर्यावरण को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन भारत का 1,000 से अधिक वर्षों का इतिहास इस दृष्टिकोण का पूरी तरह से खंडन करता है। प्राचीन भारत ने अपार समृद्धि का समय देखा है।”

बता दें कि इससे पहले जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने G-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। G-7 समिट के दौरान दुनिया के सात सबसे अमीर देशों के नेताओं के बीच यूक्रेन पर रूसी आक्रमण, खाद्य सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहित विभिन्न महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा भी होनी है।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, आतंकवाद, पर्यावरण और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर वैश्विक नेताओं और उनके सहयोगियों के साथ विचारों का आदान-प्रदान भी करेंगे।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का पौराणिक इतिहास इस बात को गलत साबित करता है कि गरीब देश और गरीब लोग पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। भारत में दुनिया की कुल आबादी का 17 प्रतिशत निवास करता है और यहां कार्बन उत्सर्जन महज 5% है। इसके पीछे का कारण हमारी जीवनशैली है। जो प्रकृति के साथ चलना सिखाती है।

 

पीएम ने कहा कि पौराणिक समय में भारत ने खूब खुशहाली देखी है। इसके बाद हमने सदियों तक दासता भी झेली। अब आजाद भारत दुनिया की सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था है। इस पूरे पीरियड में भारत पर्यावरण बचाने की प्रतिबद्धता के साथ चला।

मोदी ने कहा कि भारत का जलवायु को लेकर प्रतिबद्धता आप इस बात से समझ सकते हैं कि हमने गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत के जरिए 40 प्रतिशत एनर्जी कैपसिटी 9 साल पहले ही हासिल कर लिया। एथेनॉल-ब्लेंडिंग के जरिए पेट्रोल बनाने का लक्ष्य हमने समय से 5 महीने पहले हासिल कर लिया।

भारत के पास दुनिया का पहला सोलर पावर से चलने वाला एयरपोर्ट है। भारत का बड़ा रेलवे सिस्टम भी इस दशक में नेट जीरो उत्सर्जन वाला बन जाएगा। पीएम मोदी ने कई द्विपक्षीय बैठकों में साफ-साफ कहा कि इस मुद्दे का समाधान केवल बातचीत के जरिए ही निकल सकता है।

वही, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में हा, “भारत- इंडोनेशिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देना। पीएम नरेंद्र मोदी ने जर्मनी में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोकोवी से मुलाकात की। द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के तरीकों पर चर्चा की, विशेष रूप से व्यापार और निवेश में। इंडोनेशिया की चल रही और भारत की आगामी जी20 अध्यक्षता पर विचारों का आदान-प्रदान किया।”

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