रिपोर्ट: निहाल राठौर
नई दिल्ली: भारत और ब्रिटेन के बीच रिस्तें काफी बेहतरीन है। इस रिस्तें को और भी मजबूत करने के लिए ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) इस साल अप्रैल के अंत में भारत दौरे पर आएंगे। इस बात की पुष्टी सोमवार को यूनाइटेड किंगडम (UK) प्रधानमंत्री कार्यालय ने की।
जानकारी के लिए बता दें, कि ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) इस साल अप्रैल के अंत में भारत दौरे पर आएंगे। इस बात की पुष्टी सोमवार को यूनाइटेड किंगडम (UK) प्रधानमंत्री कार्यालय ने की। बताते चलें कि यूरोपीय संघ से ब्रिटेन ने 31 जनवरी 2020 को बाहर निकलने की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद पीएम बोरिस जॉनसन की यह पहली बड़ी अंतर्राष्ट्रीय यात्रा होने वाली है।
इससे पहले बोरिस भारत मे गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) को मुख्य अतिथि के रूप मे आने वाले थे। लेकिन भारत मे बढ़ते कोरोना के मामलों की वजह से उनके भारत आने की योजना को स्थगित करना पड़ गया था। बताते चलें कि भारत के कई राज्यों मे फिर से कोरोना के बढ़ते मामलें देखने को मिल रहें है। इन सब मे सवाल ये उठ रहा है कि कहीं फिर से पीएम बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा स्थगित न करनी पड़ जाए।
बोरिस के भारत आने का क्या है उद्देश्य
दरअसल, यूरोपीय यूनियन से बाहर होने के बाद अब बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के लिए नए अवसर तलाश रहे हैं। चीन से यूके का कई मुद्दों पर मतभेद देखने को मिलते आ रहे है। इनमें हांगकांग, कोविड-19 महामारी और हुआवेई के 5जी नेटवर्क में ब्रिटेन को वंचित करना प्रमुख हैं। ऐसे में भारत के साथ खड़े होकर बोरिस जॉनसन एक तीर से दो निशाने साधना की कोशिश करना चाहते है। और इसमें भारत को कोई आपत्ति भी नहीं होनी चाहिए। क्योंकि भारत का भी दुश्मन देश चीन ही है। साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भी इसमे चर्चा होगी। इससे दोनों देशों को आर्थिक मजबूती मिलने के आसार है।