प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान का संज्ञान लेते हुए किसानों ने 29 नवंबर को होने वाली किसानों की ट्रेक्टर रैली को फिलहाल टाल दिया है और कहा है सरकार की जानिब से जो बयान दिया गया है उसको किसानों ने संज्ञान लिया है। वही, संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार दोपहर में हुयी बैठक के बाद इसका ऐलान किया। किसान नेता राजीव ने कहा कि बैठक में केंद्र सरकार के ताजा बयानों का संज्ञान लिया गया। इसी के बाद फैसला हुआ कि 4 दिसंबर को फिर बैठक की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा- सरकार को बातचीत के लिए एक मेज़ पर आना होगा
रिपोर्ट: मुमताज़ आलम रिज़वी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान का संज्ञान लेते हुए किसानों ने 29 नवंबर को होने वाली किसानों की ट्रेक्टर रैली को फिलहाल टाल दिया है और कहा है सरकार की जानिब से जो बयान दिया गया है उसको किसानों ने संज्ञान लिया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार दोपहर में हुयी बैठक के बाद इसका ऐलान किया। किसान नेता राजीव ने कहा कि बैठक में केंद्र सरकार के ताजा बयानों का संज्ञान लिया गया। इसी के बाद फैसला हुआ कि 4 दिसंबर को फिर बैठक की जाएगी। केंद्र की ओर से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि भारत सरकार ने किसानों की मांगें मान ली हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर समिति बना दी गई है, ऐसे में उन्हें अपना आंदोलन खत्म कर देना चाहिए।किसानों ने कहा, सरकार को बातचीत की मेज पर आना होगा।
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता ने कहा कि सरकार हमसे आमने-सामने बैठकर बात करे। केंद्र ने किसानों पर दर्ज मुकदमों को राज्य का विषय बताया था। इसपर किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी और गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी शासित राज्यों और रेलवे को निर्देश दें कि मुकदमे वापस लें। याद रहे कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज कहा कि ‘संसद सत्र के शुरू होने के दिन तीनों कृषि कानून रद्द करने के लिए रखे जाएंगे।’ तोमर ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने जीरो बजट खेती, फसल विविधीकरण, MSP को प्रभावी, पारदर्शी बनाने जैसे विषयों पर विचार करने के लिए समिति बनाने की घोषणा की है।
इस समिति में आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधि भी रहेंगे।इस सिलसिले में ब्यूरो ने किसानों से बातचीत जिसमे उन्होंने साफ़ साफ़ कहा है कि मोदी सरकार ने पिछले सात वर्षों में इतने झूठ बोले हैं कि अब उनकी बातों पर यक़ीन नहीं होता। उन्होंने कहा जो भी संयुक्त किसान मोर्चा फ़ैसला करेगा उसको हम सब मानने के लिए तैयार हैं।
मालूम हो कि पिछले एक साल से किसान टिकरी बॉर्डर , सिंघु बॉर्डर और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। अब सरकार को उम्मीद है कि शायद किसान धरना ख़त्म कर दें। भाजपा सरकार के एलान का विधानसभा चुनाव में फ़ायदा भी उठाने की कोशिश करेगी और विपक्ष ने अभी से हमले तेज़ करते हुए आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के हक़ में आवाज़ बुलंद करना शुरू कर दी है।