कहते है की परदे पर तो कोई भी हीरो बन सकता है लेकिन असली हीरो वो होता है जो लोगों की मदद करे और असल मायने में अपने हीरो होने का फ़र्ज़ निभाएं।
लॉकडाउन में सबसे ज्यादा हालात महाराष्ट्र के बिगड़े है।
50 हज़ार से अधिक केस, देश की आर्थिक राजधानी और लाखों प्रवासी मजदूर ! ये कोई फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं है।
दरअसल ये प्रदेश के वो हालात है जिनसे डील करना किसी के लिए भी आसान नहीं है।
लेकिन फिल्म अभिनेता सोनू सूद उन लाखों मजदूरों के मसीहा बनकर सामने आये है जो लॉकडाउन के कारण फ़स गए है।
ना उनके पास कोई काम धंधा है और ना ही पैसे ! कइयों को तो मकान मालिक ने घर से निकाल दिया है।
ऐसे में सोनू सूद ने उन मजदूरों की गुहार सुनी और ट्विटर के माध्यम से उनके सम्पर्क करने लगे।
देखते ही देखते ये एक मुहीम बन गयी और आज हर मजूदर के दिल में बस एक ही बात है की उन्हें घर सोनू ही पहुंचा सकते है।
देखते ही देखते सोनू ने हज़ारों मजूदरो से बात करके उन्हें घर पंहुचा दिया है और आज सोनू पुरे देश के रियल हीरो बन चुके है।
उनके चर्चे सिर्फ लोगो तक ही नहीं बल्कि सरकार में काम कर रहे मंत्रियों तक भी पहुँच चुके है।
खुद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने ट्विटर हैंडल से उनकी तारीफ़ की है। उन्होंने सोनू की तारीफ़ करते हुए लिखा कि तुमने जो दया दिखाई है मुझे उस पर गर्व है।
आपको बता दे कि अगर एक बस को मुंबई से यूपी बिहार तक ले जाते है तो उसमे डेढ़ से दो लाख तक का खर्च आ जाता है लेकिन इन सब बातो की सोनू को कोई परवाह नहीं है।
उनका बस यही कहना है कि ये हमारे भाई बहन है और इनकी सेवा करना ही हमारा धर्म है।
आज इस संकट के दौर में सोनू असली हीरो बनकर उभरे है। उन्होंने साबित किया कि परदे के हीरो और असली हीरो में ज़मीन आसमान का अंतर् है।