नये साल का आगमन हो गया है तो ऐसे में हर व्यक्ति यह जानने को उत्सुक है की उसके लिए नव वर्ष कैसा रहेगा ? नौकरी, व्यापार में बनायीं गयी योजनायें सफल होगी ही नहीं वही आपके अपने प्रिय जनो के साथ कैसे रिश्ते होंगे ! तो आज इस आर्टिकल
नये साल का आगमन हो गया है तो ऐसे में हर व्यक्ति यह जानने को उत्सुक है की उसके लिए नव वर्ष कैसा रहेगा ? नौकरी, व्यापार में बनायीं गयी योजनायें सफल होगी ही नहीं वही आपके अपने प्रिय जनो के साथ कैसे रिश्ते होंगे ! तो आज इस आर्टिकल
नये साल का आगमन बस होने ही वाला है तो ऐसे में हर व्यक्ति यह जानने को उत्सुक है की उसके लिए नव वर्ष कैसा रहेगा ? नौकरी, व्यापार में बनायीं गयी योजनायें सफल होगी ही नहीं वही आपके अपने प्रिय जनो के साथ कैसे रिश्ते होंगे ! तो आज
नये साल का आगमन बस होने ही वाला है तो ऐसे में हर व्यक्ति यह जानने को उत्सुक है की उसके लिए नव वर्ष कैसा रहेगा ? नौकरी, व्यापार में बनायीं गयी योजनायें सफल होगी ही नहीं वही आपके अपने प्रिय जनो के साथ कैसे रिश्ते होंगे ! तो आज
पिछले लेख में मैंने आपको समझाया की चंद्र ग्रह का ज्योतिष में सामान्य परिचय क्या है तो इस लेख में हम बात करते है की चन्द्रमा की अगर अन्य ग्रहों के साथ युति होगी तो ग्रह कैसा फल करेगा ! 1- चंद्र सूर्य युति – ज्योतिष के नज़रिये से चन्द्रमा
वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण सूत्र है और वो है फलित विचार, दरअसल भविष्य में होने वाली किसी भी घटना के बारे में विचार करने को फलित विचार कहते है, फलित सूत्र में नॉर्मली 9 ग्रह, 12 भाव और 27 नक्षत्रो से विचार किया जाता है। फलित में 9 ग्रह
पिछले लेख में मैंने आपको सूर्य ग्रह के सामान्य परिचय के बारे में बताया तो इस लेख में मैं आपको यह समझाने वाला हूं की जन्मांग चक्र में सूर्य अन्य ग्रहों के साथ जब युति करेगा तो कैसा फल देगा। 1 – सूर्य चन्द्रमा युति : ज्योतिष के नज़रिये से
वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण सूत्र है और वो है फलित विचार, दरअसल भविष्य में होने वाली किसी भी घटना के बारे में विचार करने को फलित विचार कहते है, फलित सूत्र में नॉर्मली 9 ग्रह, 12 भाव और 27 नक्षत्रो से विचार किया जाता है, 12 भाव और 27
26 दिसंबर को सूर्यग्रहण सुबह 8:21 बजे से शुरू होगा। 8:21 बजे से स्पर्श के बाद 9:40 बजे ग्रहण का मध्य होगा, 11:14 बजे मोक्ष होगा। ग्रहण लगभग 173 मिनट लंबा चलेगा। हमारी धार्मिक जो मान्यताये है उनके अनुसार सूर्य ग्रहण एक अशुभ घटना है क्यूंकि सूर्य के प्रकाश से
कई बार हमे यह देखने में आता है की किसी का विवाह या तो होता नहीं या बड़ी कठिनाई के साथ होता है वही दूसरी और किसी का विवाह तो हो जाता है लेकिन जीवन में दुःख और दर्द के सिवाय कुछ नहीं मिलता है, यह दोनों अलग अलग परिस्तिथि
नया साल दस्तक देने को है और राजनीतिक मतभेद अपने चरम पर है तो ऐसे में आइये जानते है की नरेंद्र मोदी जी के लिए साल 2020 ज्योतिष के नज़रिये से कैसा रहना वाला है ? साल के अंत में बृहस्पति अपनी मूल त्रिकोण राशि धनु में आ चुके है
वैदिक ज्योतिष में शनि 9 ग्रहो में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है क्यूंकि शनि एक कर्म प्रधान ग्रह है वही काल पुरुष की कुंडली में शनि दसवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है, शनि की सामान्य राशि मकर दसवें भाव का वही शनि की मूल त्रिकोण राशि ग्यारहवें भाव को दर्शाती
वैदिक ज्योतिष में गुरु एक बहुत ही शुभ प्रदाता ग्रह माने गये है, मंत्रिमंडल में उन्हें आचार्य का स्थान प्राप्त है और धनु और मीन राशियों के वो स्वामी है, धनु राशि भाग्य स्थान को रिप्रेजेंट करती है जो की उनकी मूल त्रिकोण राशि है वही मीन राशि बारहवे भाव
हिन्दू धर्म में मंदिर में या किसी भी देवी और देवता के समक्ष प्रसाद चढ़ाने की परम्परा आदि काल से रही है, माना जाता है की प्रसाद चढ़ाने से देवता प्रसन्न होते है। कई बार लोग अपने आराध्य को भोग लगाते हुए यह भूल जाते है की उन्हें कौनसा प्रसाद
वैदिक ज्योतिष में शनि महत्वपूर्ण ग्रह है, शनि एक राशि में पुरे ढाई वर्ष तक रहता है जो की ज्योतिष में किसी भी ग्रह के एक राशि में विचरण करने की सबसे अधिक अवधि है जिसके कारण शनि के गोचर का मानव जीवन पर व्यापक रूप से असर होता है।
वैदिक ज्योतिष में शनि 9 ग्रहो में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है क्यूंकि शनि एक कर्म प्रधान ग्रह है वही काल पुरुष की कुंडली में शनि दसवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है, शनि की सामान्य राशि मकर दसवें भाव का वही शनि की मूल त्रिकोण राशि ग्यारहवें भाव को दर्शाती