Tata will now enter this sector too, a plan made for investment of so many million dollars, thousands of people will get employment; टाटा समूह ने सेमीकंडक्टर असेंबल करने और टेस्टिंग यूनिट शुरू करेगी। भारी इंवेटस्मेंट करने का प्लान बना चुकी है।
नई दिल्ली : कोरोना महामारी का सबसे बड़ा सकंट किसी सेक्टर में पड़ा है तो वह है सेमीकंडक्टर। जिसके कारण ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री काफी दिक्कतों से जूझ रही है। दरअसल आजकल की कारों में काफी हाईटेक फीचर्स को शामिल किया जाता है और इन फीचर्स के लिए सेमीकंडक्टर की जरूरत पड़ती है। देश में भी टाटा की कई गाड़ियों की बिक्री घट गई। ऐसे में अब इस संकट से निपटने के लिए टाटा कंपनी बड़ी तैयारी में है।
टाटा समूह ने सेमीकंडक्टर असेंबल करने और टेस्टिंग यूनिट शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। कंपनी इसके लिए तकरीबन 300 मिलियन डॉलर (22,515,900,000.00 रुपए) तक भारी इंवेटस्मेंट करने का प्लान बना चुकी है। टाटा के इस नए प्रोजेक्ट शुरू होने से तकरीबन पांच हजार लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा। वहीं इससे विदेशों पर निर्भरता कम होगी। बता दें कि टाटा समूह तमिलनाडु में एक हाईटेक वाली electronics manufacturing सुविधा का प्रोडक्शन कर रहा है।
इस प्रोजेक्ट को लेकर मीडिया रिपोर्टस के अनुसार टाटा कंपनी तीन राज्यों से इसके लिए चर्चा कर रही है। नेक्सट टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में टाटा ग्रुप का यह महत्वपूर्ण कदम है। सूत्रों के मुताबिक टाटा इसके लिए तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना सरकार से चर्चा कर रहा है। कंपनी Outsourced Semiconductor Assembly and Test (OSAT) ) प्लांट के लिए इन राज्य सरकारों से जमीन उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है। जानाकरी के मुताबिक ओएसएटी प्लांट में फाउंड्री निर्मित सिलिकॉन वेफर्स के असेंबल करने और टेस्टिंग से उन्हें तैयार करके सेमीकंडक्टर चिप्स में बदला जाएगा।
एक खबर के मुताबिक सूत्रों ने कारखाने के लिए कुछ संभावित स्थानों की पहचान की है। इस साल के अंत तक किसी एक स्थान को चुने जाने की प्रबल संभावना है। सूत्रों ने कहा, “जबकि वे (टाटा) चीजों के सॉफ्टवेयर पक्ष पर बहुत मजबूत हैं … हार्डवेयर एक ऐसी चीज है जिसे वे अपने पोर्टफोलियो में जोड़ना चाहते हैं, जो लंबे समय तक डेवलेप के लिए बहुत जरूरी है।” इस संबंध में टाटा ग्रुप और तीन राज्यों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई है।
‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बढ़ायेगी आगे
वहीं टाटा ग्रुप के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने कहा, टाटा का यह कोशिश पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन के लिए बढ़ावा देगा, जिसने पहले ही South Asian Countries को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन प्रोडक्शन हब बनाने में मदद की है। टाटा समूह, जो भारत के Top Software Consultancy Services (TCS.NS) को कंट्रोल करता है और ऑटो से लेकर विमान तक हर चीज में पकड़ रखता है, कंपनी हाई एंड इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल बिजनेस में इंवेस्ट करने का प्लान कर रहा है।