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कोरोना संकट से उपजी परिस्थितियों में वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में चीन का दबदबा कमजोर पड़ता नजर आ रहा

By RNI Hindi Desk 
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जानकारों का कहना है कि आने वाले वर्ष में भारत को इसका बड़ा फायदा मिलता दिखेगा। उद्योग संगठन फिक्की ने ध्रुव एडवाइजर्स के सहयोग से इस बारे में देशभर में काम कर रही 150 से अधिक कंपनियों पर सर्वे किया। फिक्की ने इस अध्ययन के नतीजों के बारे में कहा कि कोरोना संकट का एक महत्वपूर्ण नतीजा यह है कि वैश्विक सप्लाई चेन अब चीन से खिसकता और दुनिया की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की ओर जाता नजर आ रहा है।

सर्वे में शामिल कंपनियों में से करीब 70 फीसद का मानना है कि ग्लोबल सप्लाई चेन का केंद्र चीन से खिसकने का भारत को सीधा फायदा मिलता दिख रहा है। उन्हें ऐसा लग रहा है कि चीन की मैन्यूफैक्चरिंग का एक बड़ा हिस्सा खिसककर जल्द भारत में आएगा। यही नहीं, करीब 74 फीसद कारोबारी मानते हैं कि कोरोना वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद कारोबारियों के विश्वास में और मजबूती आएगी। हालांकि कारोबारी मानते हैं कि इस बदलते माहौल का पूरा फायदा लेने के लिए देश को उत्पादन गतिविधियों की पूरी पारिस्थितिकी या इकोसिस्टम को मजबूती देनी होगी।

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने इकोनॉमी को गति देने और इसे तात्कालिक दिक्कतों से निजात दिलाने के लिए कई कदम उठाए। उद्योग जगत ने इन कदमों को बेहद सकारात्मक बताया है। सर्वे में शामिल करीब 45 प्रतिशत कंपनियों का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज-3.0 ‘अच्छा’ व ‘बहुत अच्छा’ की कैटेगरी में है। फिक्की के प्रेसिडेंट उदय शंकर ने कहा कि सर्वे के नतीजे बेहद उत्साहवर्धक हैं। ये मौजूदा औद्योगिक और आर्थिक रिकवरी का संकेत देते हैं। इस रिकवरी को गति देने की जरूरत है, जिसके लिए सबकी नजरें आने वाले बजट पर हैं।

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