दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के एक आरोपी मुकेश कुमार की अर्जी पर सुनवाई शुरू कर दी है। उससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके बाद आरोपी मुकेश कुमार ने अपने डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की है। मुकेश ने कहा की उसकी दया याचिका अभी राष्ट्रपति के पास लंबित है।
दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि, 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती क्योंकि दया याचिका दायर की गई है। उन्होंने कहा कि जेल नियमों के तहत, मौत का वारंट जारी करने के लिए दोषी की दया याचिका पर फैसला आने का इंतजार करना पड़ता है।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने मुकेश की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद तिहाड़ जेल अथॉरटी ने सभी दोषियो को 7 दिन के अंदर दया याचिका दाखिल करने का नोटिस जारी किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दोषियो की ओर से कहा गया कि उनके केस की पैरवी सही तरीके से नही हो रही है इसलिए इस पर गौर किया जाना चाहिए।
मुकेश की वकील रिबाका जॉन ने कहा कि अगर हम 18 दिसंबर के आदेश पर दया याचिका दायर करने के लिए 7 दिन का नोटिस देते, तो 25 दिसंबर को यह समाप्त हो जाता। इसके बाद मुकेश की वकील ने कहा, कि मैं राष्ट्रपति से आवेदन पर विचार करने के लिए कह रही हूं।
इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा, कि आपने 2017 में भी याचिका दाखिल की थी, जो खारिज कर दी गयी थी। इसके बाद आपने ढाई साल तक इंतजार किया और इस बीच कोई समीक्षा याचिका या कोई क्यूरेटिव फाइल तक दाखिल नही की। कोर्ट ने कहा कि डेथ वारंट जारी होने तक दया याचिका का इंतजार कोर्ट क्यों करेगा? इसके लिए कोर्ट ने दोषी को मुक्कमल वक्त दिया है।
गौरतलब हो कि, इस याचिका पर निर्भया की मां ने कहा है कि, वह चाहे जो कर लें, लेकिन सबकुछ साफ हो चुका है। वह चाहे हाई कोर्ट जाए या फिर सुप्रीम कोर्ट, मुझे आशा है कि उसकी याचिका खारिज होगी।