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काशी के बाद उज्जैन में भव्य स्वरूप के साथ महाकालेश्वर मंदिर को देशार्पित करेंगे मोदी

काशी विश्वनाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण के बाद उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण पर तेजी से काम हो रहा है। सनातन धर्म के पुरातन जाग्रत मंदिरों के पुनरुद्धार पर ध्यान दे रही सरकार ने अयोध्या काशी के बाद महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण का कार्य तेज कर दिया है। शीघ्र ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सौंदर्यीकृत महाकाल मंदिर देश के सुपुर्द करेंगे।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

दीनबंधु कबीर की कलम से 

काशी विश्वनाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण के बाद उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण पर तेजी से काम हो रहा है। सनातन धर्म के पुरातन जाग्रत मंदिरों के पुनरुद्धार पर ध्यान दे रही सरकार ने अयोध्या काशी के बाद महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण का कार्य तेज कर दिया है। शीघ्र ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सौंदर्यीकृत महाकाल मंदिर देश के सुपुर्द करेंगे।

 

उज्जैन महाकाल मंदिर के सौंदर्यीकरण की करीब आठ सौ करोड़ की योजना पर काम चल रहा है। इसके तहत महाकाल मंदिर के बाहर की करीब पांच हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की गई, जैसा काशी में किया गया। जमीन अधिग्रहण के एवज में सम्बन्धित लोगों को मुआवजे भी दे दिए गए हैं। मंदिर के बाहर के संकरे अतिक्रमित क्षेत्र के खुल जाने से श्रद्धालुओं के आने जाने में काफी सुविधा हो जाएगी।

काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरफेस पार्किंग, विजिटर फेसिलिटी सेंटर, भव्य संगमरमर जड़ित आलीशान कॉरीडोर वगैरह बनाया जा रहा है। श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए कई पार्किंग्स बनाई जा रही हैं। इसमें 450 वाहनों की पार्किंग त्रिवेणी संग्रहालय के पास, 250 वाहनों की पार्किंग महाकाल मंदिर के पास बेगमबाग इलाके में और 1000 वाहनों की सर्फेस पार्किंग की व्यवस्था हरी फाटक पर मन्नत गार्डन की जमीन पर जा रही है।

महाकाल मंदिर को सोलर पैनल से युक्त किया जा रहा है। बिजली सप्लाई सोलर पैनल से होने के बाद मंदिर समिति पर बिजली बिल का बोझ कम हो जाएगा। संग्रहालय के पास महाकाल पथ का निर्माण हो रहा है। इसमें स्तंभ पर शिव की 108 मुद्राएं गढ़ी जा रही हैं। दोनों तरफ पेड़ लगाए जाएंगे। यहां यात्रियों के बैठने के लिए कुर्सियां भी लगाई जा रही हैं जहां बैठ कर श्रद्धालु लेजर लाइट एंड साउंड शो का आनंद भी ले पाएंगे। रुद्रसागर महाकाल की सबसे बड़ा स्रोत है।

इसमें मिलने वाले छह नालों की पहचान कर ली गई है। इन नालों में सीवर का पानी न जाए, इसकी व्यवस्था की जा रही है। रुद्रसागर में पानी कम होने पर नरसिंह घाट से शिप्रा का पानी लाया जाएगा। महाराजवाड़ा स्कूल को हेरीटेज सेंटर बनाया जा रहा है। बड़ा गणेश की गली को भी 15 मीटर चौड़ा किया जा रहा है। एक बड़ा प्रवचन हाल त्रिवेणी के पास बनाया जाएगा। इसमें 2000 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए तीन स्तरीय पुलिस व्यवस्था लागू करने पर काम चल रहा है।

रुद्र सागर में भगवान शिव सहित अन्य मूर्तियों का निर्माण हो रहा है। मंदिर परिक्षेत्र में ही करीब आठ करोड़ की लागत से नया अन्नक्षेत्र भी बनाया जा रहा है। यह अन्नक्षेत्र त्रिवेणी संग्रहालय के पास बनाया जाना है। इंदौर के उद्योगपति विनोद अग्रवाल ने अन्नक्षेत्र के निर्माण का दायित्व लिया है, जहां तीन हजार श्रद्धालु एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे।

महाकाल मंदिर का नया स्वरूप गढ़ने में 600 से अधिक कुशल कारीगर दिन रात लगे हुए हैं। रुद्रसागर के पास चल रहे मूर्तियों के निर्माण कार्य के तहत कई बड़ी मूर्तियों का निर्माण हो चुका है और इनमें से कई मूर्तियां महाकाल कॉरिडोर समेत कुछ अन्य जगहों पर लगाया जा चुका है। महाकाल कॉरिडोर में भगवान शिव से जुड़ी अलग-अलग कथाओं को मूर्ति रूप में तैयार किया गया है। उनके नंदीगण, भैरव, गणेश भगवान, माता पार्वती सहित अन्य देवी-देवताओं की 200 मूर्तियां और 108 स्तमंभ खड़े किये जा चुके हैं।

श्रद्धालु महाकाल कॉरिडोर से होते हुए मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचेंगे। श्रद्धालु जहां से प्रवेश करेंगे वहीं से भगवान शिव की महिमा का गुणगान और भगवान शिव से जुड़ी कथाएं देखने को मिलेंगी। राजस्थान समेत देश के कई अन्य स्थानों से आए कलाकार महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर और नक्षत्र वाटिका को अध्यात्मिक स्वरूप दे रहे हैं।

 

महाकाल मंदिर के पीछे बन रहे शिव थीम पर आधारित लोटस स्पॉट, सप्त ऋषि प्लाजा, शिव स्तम्भ, ओपन एरिया थेटर, ग्रीन स्पेस एरिया सहित प्लाजा में स्मार्ट टिकट कियोस्क, टॉयलेट, बैठने योग्य छायादार स्थान की सुविधा विकसित की जा रही है। इसके साथ-साथ पब्लिक प्लाजा में पाथ वे के माध्यम से महाकाल कॉरिडोर से श्रद्धालु जुड़ेंगे। रुद्र सागर पर ब्रिज, सर्वसुविधा युक्त विजिटर फेसिलिटी, टॉयलेट, मोबाइल लॉकर, क्लॉक रूम, स्मार्ट पार्किंग, टूरिस्ट इनफार्मेशन सेंटर, सनातन हिन्दू धर्म व वैदिक थीम पर पब्लिक प्लाजा तैयार किया जा रहा है। कारीगरों के द्वारा शिवतांडव, सप्तऋषि सहित अनेक प्रकार की प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। इनमें संत ऋषि मुनियों की प्रतिमाएं भी शामिल हैं।

उत्खनन में मिली प्राचीन प्रतिमाओं से आस्था और गहराई

भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के शिप्रा तट पर स्थित महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण के दौरान हुए उत्खनन में हजारों वर्ष पुराने अवशेष और मूर्तियां पाए जाने से लोगों की आस्था और बढ़ हई है। खुदाई के दौरान भगवान विष्णु की भी एक प्रतिमा मिली और एक शिवलिंग भी अवशेष के रूप में पाया गया। इसके साथ ही मंदिर के दक्षिण बाग में जमीन से लगभग चार मीटर नीचे एक प्राचीन दीवाल मिली है, जो लगभग 2100 साल पुरानी बताई जा रही है। पुरातत्व विभाग इन अवशेषों की जांच कर रहा है।

महाकाल मंदिर के आगे के भाग में खुदाई के दौरान माता की प्रतिमा और स्थापत्य खंड सहित कई पुरातत्व अवशेष मिले। खुदाई में निकले 11 वीं शताब्दी के हजार साल पुराने परमार कालीन मंदिर का ढांचा स्पष्ट रूप से बाहर दिखाई दे रहा है। इस मंदिर का शिखर और रथ का भाग भी मौजूद है।

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