नई दिल्ली : देश में लगातार बढ़ते कोरोना के आंकड़ों ने आम लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है, एक तरफ जहां लोगों ने फिर पलायन शुरू कर दिया है, वहीं कंपनियों की भी हालत बद से बदतर होती जा रही है। आपको बता दें कि लगातार बढ़ते कोरोना केसों को लेकर पश्चिम बंगाल में होने वाली रैलियां लगातार सवाल के घेरे में थीं, वहीं चुनाव आयोग अभी भी कटघरे में है। हालांकि इन सब सवालों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद अब टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी बंगाल में होने वाले चुनाव प्रचार से खुद को और पार्टी को किनारा किया है। जिससे अब ममता की पार्टी कोलकाता में छोटी-छोटी चुनावी सभाएं आयोजित करेगी। वहीं पार्टी के नेता उन जिलों में छोटे-छोटे भाषण देंगे, जहां बाकी तीन चरणों में मतदान होना है।
ममता बनर्जी ने कहा है कि वह आम तौर पर 50 मिनट से एक घंटे का भाषण देती हैं। लेकिन अब इसमें 20 मिनट या उससे अधिक समय की कटौती करेंगी ताकि लोगों को सभा में लंबे समय तक न रहना पड़े। उन्होंने कहा कि, “हां, हमने अगले तीन चरणों में शहर में गली-कूचों में छोटी-छोटी सभाएं करने का निर्णय लिया है। हम अब बड़ी-बड़ी सभाएं नहीं करेंगे। साथ ही मेरे भाषण भी काफी छोटे होंगे।’
वहीं तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्वीट किया कि, “ममता बनर्जी अब कोलकाता में प्रचार नहीं करेंगी। शहर में 26 अप्रैल को मतदान के अंतिम दिन केवल सांकेतिक सभा होगी। उन्होंने सभी जिलों में अपनी सभी चुनावी रैलियों के समय में कटौती की है। उनके भाषण केवल 30 मिनट के होंगे।”
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में हो रहा विधानसभा चुनाव अभी भी जारी है, जिसमें से पांच चरण का चुनाव हो चुके है। वहीं छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें (अंतिम) चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोट डाले जाने बाकी है। जिनका नतीजा 2 मई को घोषित किया जायेगा।
बता दें कि पिछले 24 घंटे में पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण के 8,419 नए मामले आए, जो एक दिन में सामने आए सर्वाधिक हैं। इसके साथ ही राज्य में इस घातक विषाणु से अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या 6,59,927 हो गई है। महामारी से 28 और लोगों की मौत हो गई और राज्य में इस बीमारी से अब तक 10,568 लोग जान गंवा चुके हैं।
बता दें कि इसी बढ़ते महामारी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी खुद को चुनाव प्रचार से दूर किया है और बंगाल में होने वाले सभी चुनावी सभाओं को रद्द किया है।