भारत सरकार ने ऐलान किया है कि चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान की सदस्यता वाले शंघाई सहयोग संगठन यानि एससीओ की बैठक वर्चुअल होगी। इसमें शामिल सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष अब ऑनलाइन शिरकत करेंगे। भारत के इस ऐलान से पाकिस्तान सदमे में आ गया है।
नई दिल्लीः पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। वह किसी बहाने से कश्मीर राग अलापने में पीछे नहीं रहता है। लेकिन इस बार भारत ने उसी की चाल में पाकिस्तान को मात दे दी। दरअसल भारत इस समय जी-20 और एससीओ दोनों का अध्यक्ष है। भारत सरकार ने ऐलान किया है कि चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान की सदस्यता वाले शंघाई सहयोग संगठन यानि एससीओ की बैठक वर्चुअल होगी। इसमें शामिल सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष अब ऑनलाइन शिरकत करेंगे। भारत के इस ऐलान से पाकिस्तान सदमे में आ गया है।
पाकिस्तान की मंशा थी कि शहबाज शरीफ के भारत दौरे के दौरान एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापा जाए लेकिन वह इसमें असफल हो गया है। इससे पहले एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के खिलाफ जमकर बोला था। बिलावल भुट्टो ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कश्मीर और मुस्लमानों को लेकर जमकर जहर उगला था। इसके बाद जयशंकर ने बिलावल के इन जहरीले बयानों का करारा जवाब देकर बोलती बंद कर दी थी। पाकिस्तान की कोशिश थी कि इस घटनाक्रम को एक बार फिर से दोहराया जाए और भारत की जमीन पर शहबाज शरीफ कश्मीर का राग अलापें। इससे दुनिया का ध्यान फिर से इस पूरे मुद्दे पर जाए।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सितंबर में जी-20 की बैठक होने वाली है, जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों आने वाले हैं। भारत इनके साथ आसानी से बैठक कर सकेगा लेकिन पाकिस्तान इसका हिस्सा नहीं है, इसलिए उसे घर में बैठकर ही संतोष करना पड़ेगा। क्योंकि भारत ने इस सम्मेलन को वर्चुअल करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भारत दौरे की संभावना को ही खत्म कर दिया।