महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य रूप से कराने का निर्देश दिया है। राज्य मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने मंगलवार को बताया कि 26 जनवरी से राज्य के सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में सुबह की प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना पढ़ना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही सरकार का इरादा सभी स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ना अनिवार्य करने का भी है।
खबरों की माने तो उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि, सरकार अरसे महीने विधानसभा सत्र में एक कानून बनाएगी जिसमें सभी स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक मराठी भाषा की पढ़ाई अनिवार्य होगी चाहे उनमें किसी भी माध्यम में अध्यापन कार्य होता है। अग्रेजी माध्यम के 25 हजार स्कूल हैं और उनकी संख्या बढ़ रही है।
इन स्कूलों में मराठी नहीं पढ़ाई जाती या उसे वैकल्पिक विषय के रूप में रखा जाता है। उन्होंने कहा, ऐसे सभी स्कूलों में मराठी भाषा की पढ़ाई अनिवार्य होगी। महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि मराठी राज्य की भाषा है और हर किसी को इसे सीखना चाहिए। अगर सभी स्कूलों में मराठी सीखने का कानून बताया जाता है तो सभी इसे सीखेंगे।