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Chhattisgarh के वन निवासियों को किया गया बेदखल, जानिए पूरा मामला

छत्तीसगढ़ के हाईकोर्ट में कहर मचा हुआ है। कोर्ट ने वन्य विभाग के अधिकार समेत राज्य के 17 जिलों के कलेक्टरों की समिति तैयार की है। यही नहीं कोर्ट ने इस सभी जिलों के प्रधान को कोर्ट में पेश होने को कहा है।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

रिपोर्ट – खुशी पाल

छत्तीसगढ़ के हाईकोर्ट में इस वक्त कहर मचा हुआ है। कोर्ट ने राज्य के करीब 17 जिलों के कलेक्टरों के घर नोटिस भेज दिया है। दरअसल, राज्य में मौजूदा सभी वनों के आदिवासियों पर जुल्म करने की खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि राज्य के वन अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यानों जैसे इलाकों में आदिवासियों को बेदखल किया जा रहा है।

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क्यों भेजा गया कलेक्टरों के घर नोटिस?

दरअसल, छत्तीसगढ़ के चीफ जस्टिस(chief justice) अरुप कुमार गोस्वामी की डिवीजन बेंच ने वन अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यानों forest sanctuaries and national parks) में आदिवासियों को बेदखल करने पर नोटिस जारी किए है।

राज्य के कई राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्य क्षेत्रों (national parks) जैसे अचानकमार टाइगर रिजर्व(Achanakmar Tiger reserve), भोरमदेव वाइल्ड लाइफ सेंचुरी(Bhoramdev Wildlife Sanctuary), बारनवापारा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी(Barnawapara Wildlife Sanctuary), अवंती और बादल खोल सेंचुरीरी से इन आदिवासियों को बेदखल किया जा रहा है। पुलिस ने इसके पीछे का कारण वन्य प्राणियों के संरक्षण और जंगलों की सुरक्षा के कारण बताया है।

भेदभाव के शिकार
जैसा की हम सभी जानते है छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की संख्या ज्यादा है। हम सभी की तरह आदिवासी भी हमारे ही देश का हिस्सा है। चूकी वो सामाजिक, राजनितिक कारणो से राज्य के अन्य लोगो से विपरित है। राज्यों में आदिसवासियों पर कई भेदभाव किए जाते है। ऐसे में उनके सुरक्षा का दायित्व भी हमारा ही है। इसलिय अखिल भारतीय जंगल मंच के अधिवक्ता रजनी सोरेन के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।

क्या है याचिका में?

सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें कहा गया है कि वनों के संरक्षण, संवर्धन और पर्यावरणीय जलवायु परिवर्तन को बचाए रखने का जिम्मा समुदाय के लोगो का है। वहीं, केंद्र और राज्य शासन ने उन्हें वन अधिकार के लिए पात्र माना है। इसलिए 2006 के अधिनियम एवं संशोधित अधिनियम और 2012 की धारा 3 (1) (E) के तहत हैबिटेट राइट‌्स दिए हैं।

 

 

 

 

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