रिपोर्ट: सत्यम दुबे
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद सभी पार्टीयां मतदाताओं के रिझाने में लग गई हैं। चुनाव प्रचार में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल पर ही अपनी नजरें गड़ाये हुए हैं। इन सबके बीच ममता बनर्जी भी चुनाव प्रचार में भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देने की कोशिश कर रही हैं। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम में चोटिल हो गई थी। जिसके बाद TMC लगातार भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर थी।
टीएमसी घटना की शिकायत लेकर चुनाव आय़ोग के पास गई थी। जिसके बाद चुनाव आयोग ने बंगाल सरकार को ज़ॉच के आदेश दे दिए थे। जॉच में किसी भी तरह के हमले की बात नहीं कही गई है। जिसके बाद चुनवा आयोग ने इस घटना को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। चुनाव आयोग ने पूर्वी मिदनापुर के SP प्रवीण प्रकाश को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही डीएम विभू गोयल को भी हटा दिया गया है। आयोग ने ममता बनर्जी के सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय को भी पद से मुक्त कर दिया है।
इस दौरान चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि “ममता की Z+ सुरक्षा के रूप में अपने प्राथमिक कर्तव्य के निर्वहन में विफल रहने के लिए एक सप्ताह के भीतर सहाय के खिलाफ आरोप तय होने चाहिए।“ आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने डीएम विभू गोयल की जगह स्मिता पाटिल को नई जिम्मेदारी दी है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने पंजाब के पूर्व डीजीपी इंटेलिजेंस अनिल कुमार शर्मा को बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए विशेष पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। निवार्चन आयोग ने स्टार प्रचारकों को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दिए गए सुरक्षा बंदोबस्त का पालन करने के लिए कहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों अजय नायक और विवेक दुबे की रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि ममता बनर्जी को जो चोट लगी वो उनकी सुरक्षा जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मियों की चूक का परिणाम था।
आपको बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान TMC ने लगातार भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोल रही थी। टीएमसी ने यहां तक कह दिया था कि ममता बनर्जी के पैर को कुचलने की कोशिश की गई। इसके देश की सभी विपक्षीय पार्टियां BJP के खिलाफ एक लाइन में आकर खड़ी हो गई। जिसके बाद चुनाव आयोग ने साफ किया कि यह हमला नहीं, बल्कि दुर्घटना था।