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MCD द्वारा स्कूलों की ज़मीन बेचने के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने की कारवाई की मांग…..

‘आप’ विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी द्वारा स्कूलों की ज़मीन बेचने के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने डीडीए मीटिंग में कार्रवाई की मांग की। डीडीए ने स्कूल बनवाने के लिए एमसीडी को ज़मीन दी थी, लेकिन भाजपा कॉमर्शियल प्रॉजेक्ट के लिए स्कूल की ज़मीन तक को बेचने पर उतारू है। आज डीडीए की मीटिंग में दिल्ली के उपराज्यपाल के सामने मौखिक और लिखित रूप से मुद्दा उठाया। डीडीए इसपर कार्रवाई करे और एमसीडी के सभी स्कूल आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को सौंप दें।

By RNI Hindi Desk 
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नई दिल्ली: ‘आप’ विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी द्वारा स्कूलों की ज़मीन बेचने के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने डीडीए मीटिंग में कार्रवाई की मांग की। डीडीए ने स्कूल बनवाने के लिए एमसीडी को ज़मीन दी थी, लेकिन भाजपा कॉमर्शियल प्रॉजेक्ट के लिए स्कूल की ज़मीन तक को बेचने पर उतारू है। आज डीडीए की मीटिंग में दिल्ली के उपराज्यपाल के सामने मौखिक और लिखित रूप से मुद्दा उठाया। डीडीए इसपर कार्रवाई करे और एमसीडी के सभी स्कूल आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को सौंप दें। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाया है, वह एमसीडी के स्कूलों को भी संवार देंगे। साथ ही उन्होंने भाजपा के इस कदम की निंदा की और कहा कि यह माफी योग्य नहीं है।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक सोमनाथ भारती ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कल मेरे साथी करोलबाग के विधायक विशेष रवि ने एक मुद्दा दिल्ली के संज्ञान में लाने का प्रयत्न किया था कि किस प्रकार से भाजपा दिल्ली नगर निगम में अपने आखरी दिनों में एमसीडी की संपत्तियों को कॉमर्शियल कारणों से बेच रही है। वैसे तो हमारे साथियों ने कई बार आप लोगों को बताने का प्रयत्न किया है कि विभिन्न प्रकार की संपत्तियां एमसीडी बेच रही है क्योंकि भाजपा को पता है कि वह दोबारा एमसीडी में आने वाली नहीं है। लगातार 15 सालों का उनका भ्रष्टाचारी कार्यकाल रहा है, लेकिन सबसे दुखद बात यह है कि अब भाजपा एमसीडी के स्कूलों की ज़मीनों को बेचने लगी है।

जैसे एमसीडी में बैठी भाजपा की विशेषज्ञता ज़मीनों को बेचकर पैसा कमाना है वैसे ही आम आदमी पार्टी की विशेषज्ञता स्कूलों और अस्पतालों को जनहित में लाकर लोगों को फायदा पहुंचाना है। आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में जिस प्रकार से एक नई राजनीति का मॉडल पेश किया जिसमें स्कूल की राजनीति, अस्पतालों की राजनीति, मोहल्ला क्लिनिक की राजनीति, सड़कों की राजनीति, पानी की राजनीति, महिलाओं की सुरक्षा की राजनीति आदि का एक नया मॉडल पेश किया है। ठीक उल्टा, भाजपा एमसीडी में बैठकर स्कूलों की ज़मीनों को बेच रही है, जिसमें बच्चों को पढ़ाया जाना था। यह सत्य है कि भाजपा से एमसीडी नहीं संभल रही है। चलो उसका हल तो हम निकाल लेते लेकिन यह इतना गिर गए हैं कि अब स्कूलों की ज़मीन को कॉमर्शियल प्रॉजेक्ट के लिए बेच रहे हैं। यह निंदनीय है और बेहद दुख की बात है। यह दिल्ली की जनता के साथ धोखा है। दिल्ली के गरीब परिवारों, उन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के मां-बाप के साथ धोखा है।

एक तरफ अरविंद केजरीवाल की सरकार स्कूलों की कायापलट करके पूरे विश्व में नाम कमा रही है। दूसरी तरफ भाजपा ने एमसीडी में 15 साल रहने के बावजूद स्कूलों को ठीक करने के बजाय बेचने की कोशिश कर रही है। दुनिया की सरकारें इस बात का संज्ञान लें कि किस प्रकार से अरविंद जी ने जनता के लिए सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने का प्रयत्न किया। गरीबों और अमीरों को बराबर की शिक्षा देने का प्रयत्न किया। बाबा साहब अंबेडकर का दिया जो संविधान है, किस प्रकार से सबको बराबरी का हक मिल सके, उसको लाने का प्रयत्न किया। वहीं भाजपा, गरीबों को शिक्षा न मिल सके इसलिए स्कूलों को बेचने पर उतारू है।

आज डीडीए की मीटिंग थी, मैं प्राधिकरण सदस्य हूं और एल.जी साहब डीडीए के चेयरमैन हैं। चूंकि दिल्ली की ज़मीन मुख्य रूप से डीडीए की है। डीडीए ही सभी को ज़मीन देती है तो कभी न कभी यह ज़मीन डीडीए ने एमसीडी को शिक्षा के नाम पर स्कूल बनवाने के लिए दी होगी। आज मैंने एल.जी साहब के सामने इस मुद्दे को उठाया कि किस प्रकार से दिल्ली निगर निगम, जिन ज़मीनों को गरीबों और शिक्षा के लिए इस्तेमाल करना था, वह तो कर नहीं पाई। उसमें तो वह पूरी तरह नाकाम रही। लेकिन उससे एक कदम आगे बढ़कर दिल्ली वासियों के साथ धोखा कर के अब उन ज़मीनों को बेचने में लगी हुई है। उनपर कॉमर्शियल प्रॉजेक्ट्स शुरू करना चाहती है।

मैंने डीडीए के सामने और दिल्ली के एल.जी. अनिल बैजल, जो डीडीए के चेयरमैन भी हैं, उनसे हाथ जोड़कर मैंने विनती किया कि कृपा कर के यह ज़मीन बचा लीजीए। तीनों कमिश्नरों को और तीनों मेयरों को डीडीए आदेश दे कि कुछ महीनों की बात है, एमसीडी चुनाव है और दिल्ली ने मन बना लिया है कि हम आम आदमी पार्टी को एमसीडी सौंपेंगे तो कम से कम यह हरकत न करें कि जाते-जाते स्कूलों की ज़मीनों को बेच डालें। आज मैंने यह एल.जी साहब को लिखित में भी दिया है। जिसमें मैंने लिखा है कि ‘यह हमारे संज्ञान में आया है कि दिल्ली नगर निगम स्कूलों की ज़मीन को कॉमर्शियल प्रॉजेक्ट के लिए बेचने की प्रक्रिया में है। जो बहुत ही निराशाजनक है क्योंकि आर्थिक रूप से लोगों के हित के लिए दिल्ली को अधिक से अधिक स्कूलों की आवश्यकता है, न कि व्यावसायिक स्थानों की। उपरोक्त के मद्देनज़र आपसे अनुरोध है कि तीनों निगमों से उन ज़मीनों का अपडेट मांगे और बेहतर स्कूलों के निर्माण के लिए दिल्ली सरकार को वह ज़मीनें सौंपने को कहें।’

मैं भाजपा को बताना चाहता हूं कि इस प्रकार की हरकत निंदनीय है और माफी योग्य नहीं है कि आप शिक्षा की ज़मीनों को कॉमर्शियल कारणों से बेचें। तो आज मैंने आधिकारिक तौर पर लिखित और मौखिक दोंने रूपों में एल. जी. साहब के सामने डीडीए मीटिंग के दौरान अपनी बात रखी। अब डीडीए इसपर जवाब दे और आगे की कार्रवाई करे।

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