नई दिल्ली : चक्रवाती तूफान ‘यास’ पर प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल न होने और मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के समीक्षा बैठक देर से आने के कारण एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने आ गये थे। इसके बाद संवैधानिक गरीमा का उल्लंघन करने के बाद बंदोपाध्याय को पत्र लिखकर दिल्ली तलब किया गया।
हालांकि उससे पहले ही ममता ने बड़ा दाव चलते हुए अलपन बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बनाने का ऐलान किया है। मंगलवार से अलपन बंदोपाध्याय मुख्य सलाहकार के तौर पर काम शुरू करेंगे। वहीं, मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी हरिकृष्ण द्विवेदी को सौंपी गई है।
सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा कि कोविड की स्थिति को देखते हुए अलपन बंदोपाध्याय को तीन महीने के विस्तार की अनुमति देने की 10 मई पत्र को पत्र लिखा था। पत्रकारों से बातचीत में ममता बनर्जी ने कहा कि कलाईकुंडा में पीएम ने कभी नहीं कहा कि मेरे साथ हवाई समीक्षा के लिए आओ। पीएम कलाईकुंडा पहुंचे ताकि वो दिल्ली के लिए रवाना हो सकें। उसके बाद क्या हुआ आप सभी जानते हैं।
दिल्ली से बंगाल के मुख्य सचिव बुलाए जाने को लेकर भेजे गए पत्र के जवाब में ममता बनर्जी ने कहा- केन्द्र किसी भी अधिकारी को यह जबरदस्ती नहीं कर सकते कि वे राज्य सरकार के बिना सहमित के वह ज्वाइन करे। ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय आज सेवानिवृत्त हुएष वह अगले तीन साल तक मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार बने रहेंगे।