रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य का नाम आते ही लोगो में विद्वता आनी शुरु हो जाती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति और विद्वाता से चंद्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी पर बैठा दिया था। इस विद्वान ने राजनीति,अर्थनीति,कृषि,समाजनीति आदि ग्रंथो की रचना की थी। जिसके बाद दुनिया ने इन विषयों को पहली बार देखा है। आज हम आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के उस नीति की बात करेंगे, जिसमें उन्होने बताया है कि आर्थिक संकट आने से पहले दिखने लगते है ये 5 संकेत…
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शात्र में बताया है कि हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व होता है। तुलसी का पौधा हर व्यक्ति अपने आंगन में जरूर लगाते है। तुलसी का पौधा सूखना अशुभ माना जाता है। चाणक्य के अनुसार, तुलसी के पौधे का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसका सूखना आर्थिक तंगी आने का इशारा करता है।
वहीं उन्होने आगे बताया कि, जिस घर में लड़ाई-झगड़े होते हैं, वहां मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है। ऐसे घर में बनते काम भी बिगड़ जाते हैं। परिवार के लोगों में हमेशा मतभेद बना रहता है, इसलिए घर में क्लेश न होने दें, वरना आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
चाणक्य के अनुसार शीशे का टूटना आर्थिक तंगी आने का संकेत देता है। घर में टूटा हुआ कांच नहीं रखना चाहिए। इससे घर में दरिद्रता का वास होता है। इसके साथ ही, जिस घर में पूजा-पाठ नहीं होता है, वहां नकारात्मक शक्तियों का वास होता है। ऐसे घरों में दरिद्रता बनी रहती है। परिवार के लोगों के बीच मनमुटाव बना रहता है, इसलिए घर का माहौल हमेशा भक्तिमय रखना चाहिए।
उन्होने यह भी बताया है कि, जिस घर में बुजुर्गों का अपमान होता है, वहां मां लक्ष्मी का वास नहीं करती है। इसलिए बड़े-बुजुर्गों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। आचार्य चाणक्य की बातों पर अमल करें और जीवन को खुशहाली से जियें।