ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की कालाष्टमी 14 मई को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव जी के क्रुद्ध स्वरूप काल भैरव की उत्पत्ति हुई है।
इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत का भी विधान माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने पापियों का विनाश करने के लिए अपना रौद्र रूप धारण किया था।
इस रात देवी काली की उपासना करने वालों को अर्ध रात्रि के बाद मां की सेवा करनी चाहिए। इस दिन कुत्ते को भोजन करवाना शुभ माना जाता है।
कालाष्टमी के दिन बाबा काल भैरव के मंदिर में जाकर उनकी प्रतिमा पर सिंदूर और तेल चढ़ाए और मूर्ति के सामने बैठकर काल भैरव मंत्र का जाप करें।
इसके अलावा भैरव का वाहन कुत्ता माना गया है। कुत्तों को रोटी खिलाने और उनकी सेवा करने से भी भैरव प्रसन्न होते है।