नई दिल्ली : हिन्दू पंचाग के अनुसार 10 जून 2021 गुरुवार को ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। इस तिथि को शनि जंयती मनाई जाती है। ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को एक प्रमुख और प्रभावशाली ग्रह माना गया है। ऐसी मान्यता है कि शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं।
आपको बता दें कि वर्तमान समय शनि की ढैय्या मिथुन, तुला और साढ़ेसाती धनु, मकर, कुंभ पर होगा। वर्तमान समय में 5 राशियों पर शनि की विशेष दृष्टि है। जिन राशियों पर शनि की महादशा, शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या बनी हुई है। उन्हें शनि जयंती पर शनि देव को प्रसन्न कर, उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
शनि जयंती का महत्व
शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा करने से जातकों पर शनि की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती है और शनि दोष से छुटकारा मिलता है। शनि देव को कर्म फलदाता भी कहा जाता है। ये व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। शनि जयंती पर न्याय के देवता की पूजा करने से जातकों को शनिदोष और ढैय्या, साढ़ेसाती के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
शनि जयंती पर करें ये कार्य
शनि जयंती पर शनि देव से जुड़ी चीजों का दान करना श्रेष्ठ फल प्रदान करता है। शनि यदि जन्म कुंडली में अशुभ या मारकेश की स्थिति में है तो इस दिन शनि देव की शांति का उपाय और पूजन अवश्य करना चाहिए। शनि जयंती पर शनि देव बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं।
इन चीजों का दान करें
– सरसों का तेल
– काली उड़द की दाल
– काला छाता
– काला कपड़ा
– काला कंबल
शनि देव के इन मंत्रों का जाप करें
– ऊं शं शनैश्चराय नम:
– ऊं नीलांजनसमाभामसं रविपुत्रं यमाग्रजं छायामात्र्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम
शुभ मुहूर्त
शनि जयंती गुरुवार: 10 जून 2021
अमावस्या तिथि आरंभ: 09 जून 2021 दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से
अमावस्या तिथि समापन: 10 जून 2021 शाम 04 बजकर 22 मिनट तक