रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य का नाम आते ही लोगो में विद्वता आनी शुरु हो जाती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति और विद्वाता से चंद्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी पर बैठा दिया था। इस विद्वान ने राजनीति,अर्थनीति,कृषि,समाजनीति आदि ग्रंथो की रचना की थी। जिसके बाद दुनिया ने इन विषयों को पहली बार देखा है। आज हम आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के उस नीति की बात करेंगे, जिसमें उन्होने बताया है कि 4 मामलों में पुरुषों से कई गुना आगे होती हैं महिलाएं…
स्त्रीणां दि्वगुण आहारो बुदि्धस्तासां चतुर्गुणा।
साहसं षड्गुणं चैव कामोष्टगुण उच्यते।।
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में इस श्लोक के माध्यम से बताया है कि ‘स्त्रीणां दि्वगुण आहारो’ इसका मतलब है कि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कई गुना अधिक भूख लगती है। वो खाने के मामले में पुरुषों से आगे रहती हैं। उन्होने आगे बताया है कि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले दोगुना ज्यादा भूख लगती है। शारीरिक संरचना के कारण महिलाओं को अधिक कैलोरी की जरूरत पड़ती है। इसलिए महिलाओं को भरपेट खाना खाने की सलाह दी जाती है।
आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में आगे बताया है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा चालाक होती हैं। वो पुरुषों से अधिक समझदार होती हैं। महिलाएं जीवन की मुश्किल से मुश्किल परिस्थियों से अपनी बुद्धिमानी से आसानी से निकल जाती हैं। उन्होने इस श्लोक के अंत में बताया है कि महिलाएं पुरुषों से आठ गुना अधिक कामुक होती हैं। वहीं यानी पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले यह भावना 8 गुना कम होती है।