1. हिन्दी समाचार
  2. भाग्यफल
  3. 10 महाविद्या : षोडशी का मूल स्वरूप और साधना विधान क्या है ?

10 महाविद्या : षोडशी का मूल स्वरूप और साधना विधान क्या है ?

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

गुप्त नवरात्रों में साधक 10 महाविद्याओं की साधना करते है जिनमे से चौथी महविद्या है षोडशी, माता अपने साधकों को अपने पुत्र की भांति ही प्रेम करती है तो आइये इस लेख में जानते है कि माता का स्वरुप कैसा है और उनकी उत्पत्ति क्यों हुई ?

मां का स्वरुप कैसा है ?

भगवती षोडशी मूलप्रकृति शक्ति की सबसे मनोहर बालस्वरुपा श्री विग्रह वाली देवी हैं । उदय कालीन सूर्य के समान जिनकी कान्ति है, चतुर्भुजी, त्रिनेत्री, वर, अभय, ज्ञान व तप की मुद्रा को धारण किये हुए हैं।

ये सहज व शांत मुद्रा में कमल के आसन पर “क”कार की मुद्रा में विराजमान होती हैं । जो जीव इनका आश्रय ग्रहण कर लेते हैं उनमें और ईश्वर में कोई भेद नहीं रह जाता है, ललिता, राज-राजेश्वरी, महात्रिपुरसुंदरी, बाला, आदि इनकी ही विकसित अवस्थाओं नाम हैं।

चारों दिशाओं में चार और एक ऊपर की ओर मुख होने से इन्हें पंचवक्रा भी कहा जाता है । इनमें षोडश कलाएं पूर्ण रूप से विकसित हैं, इसलिए ये षोडशी कहलाती हैं, संसार के समस्त मन्त्र-तन्त्र इनकी आराधना करते हैं। वेद भी इनका वर्णन करने में असमर्थ हैं। भक्तों को ये प्रसन्न होकर सब कुछ दे देती हैं।

देवी के पाँचों मुख तत्पुरुष, सद्योजात, वामदेव, अघोर और ईशान सशिव के पाँचों रूपों के प्रतीक हैं, भगवान शंकराचार्य ने सौन्दर्यलहरी में षोडशी श्रीविद्या की स्तुति करते हुए कहा है कि सदाशिव के नाभि से निर्गत कमल पर विराजमान भगवती षोडशी त्रिपुरसुन्दरी का जो ध्यान करते हैं, वे धन्य हैं। भगवती के प्रभाव से उन्हें भोग और मोक्ष दोनों सहज ही उपलब्ध हो जाते हैं।  

माता के जन्म की कथा –

दरअसल एक बार पराअम्बा पार्वती ने शिव से प्रश्न किया कि हे प्रभु आपके द्वारा प्रकाशित तंत्र साधना से मनुष्य के आधि व्याधि, शोक, संताप तो दूर हो जाएंगे, लेकिन मरण का दुःख असहनीय है, कृपा करके इस दुःख से निवृति और मोक्ष प्राप्ति का कोई उपाय बताइये।

माता पार्वती के ऐसा प्रश्न करने पर शिव ने षोडशी श्री विद्या साधना को प्रकट किया, और भगवान शंकराचार्य ने भी श्री विद्या के रूप में इन्ही षोडशी देवी की पूजा की थी। आज भी सभी शांकरपीठों में भगवती षोडशी राजराजेश्वरी त्रिपुरसुन्दरी की श्रीयन्त्र के रूप में आराधना चली आ रही है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...