जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 5 जनवरी को दो गुटों में हिंसा होने की खबर आयी लेकिन देखते ही देखते वामपंथी गिरोह ने और मीडिया के एक वर्ग ने छात्रों के गुस्से का इस्तेमाल सरकार को कमजोर करने के लिये किया, रात होते होते हमले का पूरा आरोप देश के गृह मंत्री अमित शाह पर लगा दिया गया जबकि वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है हमला करने वाले नकाबपोश थे लेकिन उसके बाद भी देश विरोधी एजेंडा चलाया गया।
वैसे तो क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर ही रही है और मामला हमारे देश का है लेकिन पाकिस्तान इस पुरे मामले में क्यों दिलचस्पी दिखा रहा है ? पूरी दुनिया को यह सच पता है की पाकिस्तान एक आतंकी देश है और वह हमेशा हमारे देश के अंदरूनी मामलों में दखल देता रहता है और उसको इन वामपंथी गिरोह से पूरी मदद मिलती है, इस देश में ऐसे कई लोग है जो रहते इस देश में है लेकिन गाते पाकिस्तान का है।
दरअसल 8 जनवरी को रात को फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण JNU में दिखाई दी जहां कन्हैया, वर्तमान में JNUSU की अध्यक्ष आइशी और कई लेफ्ट के समर्थक थे, देश के एक बहुत बड़े मीडिया के वर्ग को तो मानो मसाला मिल गया हो, उन्होंने इस घटना को ऐसे दिखाया जैसे की पुरे बॉलीवुड ने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया हो।
हम सब इस बात को जानते है की ये वही दीपिका है जो राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहती थी और बॉलीवुड को इस देश के मुद्दों की कितनी समझ है इसका नज़ारा समय समय पर हमे मिलता रहता है इसमें उदाहरण देने की कोई जरूरत नहीं है।
लेकिन यहां एक बात सोचने वाली है। क्या आपको लगता है कि दीपिका पादुकोण ने CAA को पढ़ा होगा? क्या आपको लगता है कि JNU मामले से संबन्धित वे सभी पहलुओं को समझती होंगी?
दीपिका का JNU जाना इस देश में हुई घटना थी लेकिन इसका असर पाकिस्तान तक हुआ है, इस नापाक मुल्क को तो बस मौका चाहिये, दो छात्र संघठन के बीच हुई लड़ाई में जैसे ही दीपिका की एंट्री हुई पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने उनके समर्थन में ट्वीट कर दिया, लेकिन जैसे ही उन्होंने ट्वीट किया लोगो ने उन्हें इतना ज़बरदस्त ट्रोल किया की उन्हें ट्वीट डिलीट करना पड़ गया.
आसिफ गफूर ने ट्वीट कर लिखा कि सच और युवाओं के लिए खड़े होने के लिए शाबाश दीपिका पादुकोण। मुश्किल वक्त में आपने अपनी बहादुरी साबित की है और सम्मान हासिल किया है। मानवता सबसे ऊपर है।
यहां सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है की दीपिका पादुकोण या उनकी PR एजेंसी की और से पाकिस्तान की इस हरकत का ना कोई विरोध किया गया और ना ही इसका खंडन किया गया, उन्हें इस बात का अहसास तक नहीं है की उनकी उपस्थिति का इस्तेमाल पाकिस्तान ने अपना एजेंडा चलाने के लिए किया लेकिन लेफ्ट को तो यही चाहिये था, खैर बात यही तक नहीं रुकी।
कल लाहौर प्रेस क्लब में अध्यापकों ने नारेबाजी के जरिए जेएनयू, एएमयू और भारतीय छात्रों का समर्थन किया लेकिन क्या आप इसके भयावह परिणाम के बारे में जानते है ? दरअसल यह लेफ्ट और पाकिस्तान का एक एजेंडा था जिसे बड़ी चालाकी से अंजाम दिया गया।
शाम को हिंसा का होना, अचानक से हज़ारो की भीड़ आ जाना, बॉलीवुड के गिने चुने लोगो का सरकार के खिलाफ बयानबाजी करना और उसके बाद पाकिस्तान का इस पुरे मसले को भारत को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल करना, आप सोचिये की जिस देश को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बोला जाता है उसी देश के PM के खिलाफ ये आरोप लगाया जाता है की छात्रों की आवाज़ दबाई जा रही है ! सड़को पर अराजकता का माहौल बना दिया जाता है ताकि देश का विदेशी निवेश प्रभावित हो सके।
दरअसल पाकिस्तान हमेशा से वामपंथ के सहारे देश में प्रॉक्सी वार छेड़ता आया है, इस देश की सरकार जैसे ही देश के विकास के लिये कुछ करने लगती है ये लोग अपने फेक प्रोपगेंडा के ज़रिये देश के विकास को बाधित करने की कोशिश करते है जिसके कारण ना सिर्फ हमारा विकास बल्कि विदेश नीति भी प्रभावित होती है।