{श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से }
आज कोरोना रूपी दैत्य में पूरी दुनिया में अपना तांडव मचाया हुआ है और पुरे देश अपनी बौद्धिक क्षमता के साथ इस बीमारी को खत्म करने में लगे हुए है।
इस दुनिया के हर देश की बस एक ही कामना है कि ये कोरोना कब खत्म होगा। लेकिन भारत देश में तो इसका संरक्षण करने वाले भी है जो जाते जाते हो इसकी मेहमान नवाजी करके रोक लेते है।
कोरोना हज़ारों परिवारों को अनाथ कर चुका है और चौथी बार भी इसे रोका नहीं आया तो मुश्किल आ जायेगी।
संसार में सब पदर्थ होते होते हुए भी शराब को सबसे अच्छा माना गया और जाते जाते कोरोना को अब शराब की दुकान खोलकर रोकने से मरने वालो की संख्या में वृद्धि हो जायेगी।
शराब नहीं मिलती तो लाखों नवयुवक भूख प्यास में तड़पते है और उसे पाने की कोशिश करते है। यही कारण है की केजरीवाल ने टैक्स लगाकर उस पर खूब पैसा लगाया।
अब आप चाहे गिनती कर लीजिये शराब की दुकानें खुलने के बाद कोरोना के मरीजों की संख्या में बढ़त हुई है।
शराब पीने वालो को कोरोना का भय नहीं है। उनके लिए तो बस शराब बिकनी चाहिए, लेकिन वो यह नहीं सोचते है कि शराब की दुकान पर जाने से वो कोरोना पीड़ित भी हो सकते है।
कोरोना के खिलाफ जो एक जंग हमने छेड़ी है उसके लिए सामाजिक दुरी बनाये रखना बड़ा ज़रूरी है वरना हमारे पीएम मोदी जी की मेहनत बेकार हो जायेगी।