{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से }
भारत ही नहीं विश्व में चाहे छोटा बड़ा कोई भी देश क्यों नहीं हो दूरदर्शिता के अभाव में कई बार वो मुकाम हासिल नहीं कर पाता जो उसे चाहिए।
लेकिन अगर लम्बी सोच के साथ काम किया जाए तो देश की जनता ही देश को विकासशील से विकसित बना सकती है। समय के सदुपयोग से देश का भला किया जा सकता है।
जब देश का हर नागरिक देश में काम आने वाली वस्तुओं को यही तैयार कर बाज़ार में भेजेगा तभी मेक इन इंडिया का सपना पूरा हो पायेगा।
जो विकसित देश है वो आत्मनिर्भर है और अपने ही देश में सभी वस्तुएँ बना लेते है। लेकिन ऐसा नहीं है की वो हमेशा से विकसित थे।
दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी पुरे तरीके से बर्बाद हो गया था जिसके बाद उसने निर्णय लिया कि अब वो खुद अपने पैरों पर खड़ा होगा। नतीजा आज सबके सामने है।
मोदी जी ने राहत पैकज दे दिया है और अब समय आ गया है कि देश के 130 करोड़ नागरिक मोदी जी की महत्वकांशा को पूरा कर उनका साथ दे और देश आत्मनिर्भर बने।