{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से }
जिस प्रकार कोई गली या सड़क बिना किसी उद्देश्य के पूरी नहीं होती है ठीक उसी प्रकार कोई भी मनुष्य ऐसा नहीं है जिसका जीवन में कोई उद्देश्य ना हो या उसकी कोई हसरत नहीं हो।
हसरत बड़ी हो या छोटी उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है बस वो ऐसी होनी चाहिए जिसे हम पूरा कर सके और वो हमारे देश और समाज को लाभ दे सके।
सिर्फ सपने देखने से कुछ नहीं होता है। आप ये विचार करे की जो सपने आपने संजोये है क्या वो सार्थकता की और जा रहे है या नहीं ?
कुछ लोगो के दिलो में जो हसरत रहती है उसमे सिर्फ उनका लाभ होता है समाज का नहीं ! ऐसे में आपने हसरत पूरी की भी तो क्या फायदा ? जब आपने इस देश और समाज को कुछ दिया ही नहीं तो कर्म का क्या महत्व रहा ?
कुछ नवयुवक अपने विवेक से जिस विषय में उनको जानकारी प्राप्त होती है उसको अच्छे से समझकर लक्ष्य बनाते है।
इसके बाद पुरे विश्वास से देश और समाज का भला करने के उद्देश्य से वो कर्म करने लग जाते है और तब भाग्य भी उनका साथ देता है।
इसलिए आप जो भी हसरत पाले उसमे अपने समाज और देश को ज़रूर शामिल करे।