महाराष्ट्र में बीजेपी और शिव सेना ने भले ही साथ मिलकर चुनाव लड़ा हो लेकिन बाद में शिव सेना के ढाई साल के लिए CM पद की पोस्ट मांगने को लेकर दोनों में मतभेद हुए और बाद में शिव सेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है।
अब भले ही कांग्रेस के साथ मिलकर शिव सेना ने सरकार बना ली हो लेकिन ज़मीन पर इसके साइड इफ़ेक्ट दिखने लगे है।
क्यूंकि सब इसी बात की आशंका जता रहे थे की हमेशा हिंदुत्व की बात करने वाली शिव सेना कैसे कांग्रेस के साथ सरकार चला पाएगी क्यूंकि कांग्रेस तो खुद शिव सेना के ऊपर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाती आयी है।
वही कल धारावी में एक कार्यक्रम के दौरान शिवसेना के नाराज कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. बीजेपी में शामिल होने वाले एक कार्यकर्ता रमेश नदेशन ने बताया कि शिवसेना ने भ्रष्ट और हिंदू विरोधी दलों के साथ हाथ मिला लिया और इससे हम सभी कार्यकर्ता नाराज हैं. ऐसे में हमने बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया।
बता दे की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में 30 नवंबर को विश्वासमत हासिल कर लिया था.
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों की गिनती शुरू होने से पहले बीजेपी अपने 105 विधायकों के साथ वाकआउट कर गई थी. वहीं, कुल 169 विधायकों ने विश्वासमत के समर्थन में वोट डाला था.