1. हिन्दी समाचार
  2. लाइफस्टाइल
  3. कोरोना से बचना है तो करिये नमस्ते: जानिए इसके वैज्ञानिक महत्त्व

कोरोना से बचना है तो करिये नमस्ते: जानिए इसके वैज्ञानिक महत्त्व

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

चीन, ईरान और कोरिया में तबाही मचाने के बाद कोरोना वायरस ने अब इस देश में दस्तक दे दी है और इस देश में 30 से अधिक मामले सामने आ चुके है, हालांकि हमारे लिए राहत की बात यह रही कि अब तक इस देश में कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई जबकि पूरी दुनिया में यह 3100 से अधिक लोगों की जान ले चुका है।

एक तरफ दुनिया भर के डॉक्टर्स इस वायरस से बचाने वाली वैक्सीन बनाने में लगे हुए है वही इससे बचाव के लिए जो तरीक़े बताये जा रहे है उन्होंने एक बार फिर भारतीय संस्कृति की महानता को साबित किया है, दरअसल चिकित्सकों का कहना है कि किसी भी वायरस से बचने का सबसे अच्छा तरीका उससे हाथ न मिलाकर उसे नमस्ते करना है, इससे साबित होता है की आज से लाखों वर्ष पूर्व हमारे ऋषि मुनियों का शरीर विज्ञानं का विशेष ज्ञान था।

यह भी पढ़े कोरोना वायरस से बचना है तो लीजिये ऐसा आहार: पढ़िये लिस्ट

अब आप ये तो समझ गए है कि हाथ मिलाने और गले मिलने की बजाय नमस्ते करना ज्यादा फायदेमंद है और आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है कि नमस्ते के और क्या क्या वैज्ञानिक महत्त्व है, दरअसल जब आप किसी को नमस्ते करते है तो आपके शरीर में 3 तरह के बदलाव होते है, आपकी पीठ आगे की और झुकती है वही हथेलियां छाती के मध्य में आ जाती है और उंगलिया आकाश की और हो जाती हैं।

यह भी देखे – कोरोना वायरस से बचना है तो आज ही करे ये उपाय

जैसे ही आप इस मुद्रा में जाते है तो आपकी उंगलियों के ऊपरी हिस्से पर दबाब पड़ता है जिसके कारण यह एक्यूप्रेशर की तरह काम करने लग जाता है जिसके कारण शरीर की आँखों और मस्तिष्क पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। जब आप किसी को हाथ जोड़कर नमस्कार करते है तो आपके हाथों पर प्रेशर पड़ता है और इसका संबंध आज्ञा चक्र से होता है, इस मुद्रा से आज्ञा चक्र जाग्रत होता है जो की शरीर के रक्त संचार के लिए बेहद शुभ रहता है।

यह भी पढ़िए -महिलाओं में एनीमिया रोग : जानिये लक्षण और बचाव के उपाय

हमारे धर्म में जब भी प्रार्थना की बात आती है तो नमस्कार की मुद्रा में ही देवताओं की स्तुति करने का वही आरती में ताली बजाने का विधान है, इससे आपके शरीर में एक ऊर्जा का संचार होता है और रक्त का प्रवाह हर अंग में सुचारु रूप से होता है। आज जब पूरी दुनिया इस कोरोना वायरस की चपेट में आ रही है तब हमारी ही संस्कृति लोगों के काम आ रही है जो हमारे योग और हमारी वैज्ञानिकता को प्रामाणित करता है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...