वैदिक ज्योतिष में 9 ग्रह है और ऋषि मुनियों ने हर ग्रह के मंत्र बताये है जिनके प्रभाव से उसके अशुभ प्रभाव में कमी होती है। व्यक्ति की जन्मपत्री में जिस ग्रह का अशुभ प्रभाव होता है उस ग्रह से संबंधित मंत्र का जाप करने से उसके अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
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तो आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है कि 9 ग्रहों मंत्र कौन कौन से है ! वही आपको यह ध्यान भी रखना होगा कि जिस ग्रह के मंत्र का आप जाप कर रहे है उसकी कम से कम एक माला का जाप तो आप करे ही करे। सामान्य रूप से आप मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का इस्तेमाल कर सकते है।
सूर्य मंत्र – ऊँ सूर्याय नम:। रोज सुबह सूर्य अर्घ्य देकर इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
चंद्र मंत्र – ऊँ सोमाय नम:। इस मंत्र जाप हर सोमवार शिवलिंग के सामने बैठकर करना चाहिए।
मंगल मंत्र – ऊँ भौमाय नम:। इस मंत्र जाप भूमि पुत्र मंगल के लिए किया जाता है। इस मंत्र जाप मंगलवार को करना चाहिए।
बुध मंत्र – ऊँ बुधाय नम:। इस मंत्र जाप हर बुधवार करना चाहिए। मंत्र जाप गणेशजी के मंदिर में कर सकते हैं।
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गुरु मंत्र – ऊँ बृहस्पतये नम:। इस मंत्र जाप से शिवलिंग के सामने बैठकर करना चाहिए। जाप हर गुरुवार को करना चाहिए।
शुक्र मंत्र – ऊँ शुक्राय नम:। इस मंत्र जाप शिवलिंग के सामने बैठकर हर शुक्रवार को करना चाहिए।
शनि मंत्र – ऊँ शनैश्चराय नम:। हर शनिवार शनिदेव के सामने बैठकर इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
राहु मंत्र – ऊँ राहवे नम:। केतु मंत्र – ऊँ केतवे नम:। हर शनिवार इन ग्रहों के मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप शनिदेव की प्रतिमा के सामने बैठकर करना चाहिए।