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क्या है गुरु चांडाल योग जिसके कारण आती है आर्थिक दिक्क्तें

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की युतियों से कई योगों का निर्माण होता है और ये अच्छी और बुरी दोनों हो सकती है, दरअसल ज्योतिष में हर ग्रह कई चीज़ों का कारक होता है और वो जिस ग्रह के साथ युति करता है उसी के अनुसार वो फल देता है।

ज्योतिष में ऐसे कई योग है जिन्हे विद्वानों ने अच्छा नहीं कहा है और इन्ही योगो में से एक चांडाल योग, अगर किसी कुंडली में गुरु की युति राहु के साथ है अथवा गुरु और राहु का परस्पर दृष्टि सम्बन्ध है या दोनों एक दूसरे के नक्षत्रों में बैठे हुए है तो इस युति का निर्माण होता है।

अब यहां प्रश्न यह उठता है कि अगर यह योग है तो इसका परिणाम क्या होगा ? दरअसल ज्योतिष मेर गुरु धन का कारक है और राहु कारक है छल का तो ऐसे में जब आपकी कुंडली में राहु और गुरु की युति होता है तो मनुष्य का कई चीज़ों में नजरिया साफ़ नहीं होता है, वह लोगों के बहकावे में आने लगता है।

राहु गुरु के प्रभाव को नष्ट करता है व उस जातक को अपने प्रभाव में जकड़ लेता है जिसके कारण उसका मन धर्म के कामों से हट जाता है और वही मनुष्य अनैतिक कार्यो में, जुए में अपना धन खर्च करने लग जाता है, अगर यह योग गुरु की नीच राशि यानी मकर में बने और शनि पाप प्रभाव में हो तो ऐसा जातक अपने जीवन में अवश्य एक बार चरित्र दोष का सामना करता ही करता हैं।

अगर आपकी कुंडली में यह योग है और अगर आप भी इस योग से पीड़ित है तो आप किसी विद्वान ज्योतिषी से अपनी कुंडली दिखवाए और राहु की शांति करवाए।

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