1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तराखण्ड
  3. Uttrakhand के कर्मचारी हुए 2022 बजट से निराश, कहा सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करती तो अच्छा होता

Uttrakhand के कर्मचारी हुए 2022 बजट से निराश, कहा सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करती तो अच्छा होता

Employees of Uttrakhand disappointed with the 2022 budget, said it would have been better if the government had restored the old pension!..उत्तराखंड के कर्मचारियों ने 2022 के बजट में अपनी प्रतिक्रिया पेश की और कहा कि अगर पुरानी पेंशन को बहाल करते तो अच्छा होता।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

रिपोर्ट:खुशी पाल

जहां पूरा देश 2022 के आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया के साथ-साथ अपनी उम्मीदों का भी खुलासा कर रहे है। वहीं, उत्तराखंड की सरकार की भी 2022-23 के बजट की कुछ उम्मीदें थी। दरअसल, हाल ही में आम बजट पर पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई लड़ रहे संगठनों ने अपनी मिली जुली प्रतिक्रिया दी है।

जानिए संगठनों की क्या मांग है

जानकारी के मुताबिक इन संगठनों का कहना है कि 14 प्रतिशत सरकारी अंशदान पर आयकर छूट तो एक फायदामंद कदम है लेकिन संगठनों का कहना है कि अगर सरकार पुरानी पेंशन को बहाल कर देती तो वो जनता के लिए काफी सकारात्मक फैसला होता। दरअसल, निराशा इस बात की है कि संसद में पेश हुए 2022 के आम बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। जिससे उत्तराखंड़ के  कर्मचारियों और शिक्षकों में काफी निराशा बनी हुई है।

यह भी पढ़ें: 2022 बजट पर पंजाब कांग्रेस नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया पेश की: जानिए किसने क्या कहा?

प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली का बयान

इस मामले पर उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने अपना बयान पेश किया है उनका कहना  है कि काफी समय से केंद्र सरकार से लगातार 14 प्रतिशत सरकारी अंशदान पर आयकर टैक्स में छूट देने का अनुरोध कर रहे हैं। वहीं, केंद्र ने आम बजट में यह राहत दी जो कि स्वागत योग्य कदम है। जीतमणि ने कहा कि सरकार ने 14 प्रतिशत अंशदान पर आयकर में छूट देकर अच्छा किया है लेकिन ये और भी अच्छा होता अगर सरकार एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन को लागू करती। जिससे लाखों कर्मचारियों का भविष्य सक्रिय होता।

 

कर्मचारियों ने दिया बयान

जानकारी के मुताबिक कई कर्मचारियों ने अपना बयान जारी किया। प्रांतीय महामंत्री मुकेश रतूड़ी, कोषाध्यक्ष शांतनु शर्मा, जगमोहन सिंह रावत, सूर्य सिंह पवार, मनोज अवस्थी, हर्षवर्धन ने कहा कि सभी कर्मचारी सरकार से उम्मीद बनाए बैठे थे कि जिन कर्मचारियों की पेंशन रूकी हुई है सरकार उनकी पुरानी पेंशन को बहाल करेगी। लेकिन सभी की उम्मीदों पर पानी फिर गया। इस बजट में ऐसा न करके सरकार ने कर्मचारियों को बेहद निराश किया है। दरअसल, सरकार को आयकर का स्लैब बढ़ाना चाहिए था और 4800 ग्रेड-पे तक सभी कर्मचारियों को आयकर में पूरी तरह से छूट दी जानी चाहिए। यही नहीं सरकार को पांच राज्यों में चुनाव के आयकर में छूट भी देनी चाहिए।

इसके अलावा राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत का कहना है कि यह बजट उनके लिए पूरी तरह से निराशाजनक रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें सरकारी कार्मियों के लिए कोई भी लाभकारी कदम नहीं उठाया गया है। इस बजट से उन्हें कोई फायदा नहीं पहुंचा।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...